अनिल उपाध्याय/सीतापुर. रोजगार देने के बहाने बंधुआ मजदूर बनाये गए युवक को विधायक की पहल पर मुक्त कराया गया। युवक काम की तलाश में साथियों संग महाराष्ट्र गया हुआ था। जहाँ काम के बदले मालिक द्वारा युवक को बंधुआ मजदूर बना लिया गया था। बहरहाल, विधायक एवं प्रशासन की पहल पर युवक की सकुशल घर वापसी हो गई हैं। युवक के घर पहुँचते ही घरवालों ने राहत की सांस ली हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार, मैनपाट के तराई गांव कोट निवासी वीरेंद्र मांझी आ तेजराम दो साल पहले साथियों संग काम की तलाश में महाराष्ट्र चला गया था। जहाँ उसे बोरवेल मशीन में मजदूरी का काम मिल गया था। काफी दिनों तक वहाँ काम करने के बाद जब उसने घर आने की अनुमति मांगी तो मालिक ने साफ मना कर दिया। इस बीच उसके साथ गए सारे साथी एक एक कर घर वापस आ गए और ये वही फंसा रह गया। इस दौरान मालिक उससे बंधुवा मजदूर की तरह काम कराता था।युवक जब भी घर आने की बात कहता मालिक उसे डरा धमका कर चुप करा देता था। सालो तक युवक बंधुआ मजदूर की तरह घुट घुट कर वहाँ काम करता रहा।
इस बीच मौका देख युवक ने अपने घरवालों से संपर्क कर उन्हें अपनी स्थिति से अवगत कराया। जिसके बाद चिंतित परिजनों ने विधायक रामकुमार टोप्पो से संपर्क साधा और उनसे अपने पुत्र को मुक्त कराने की मांग की। इस मामले में विधायक ने प्रशासन को अवगत करा युवक की घर वापसी के लिए पहल शुरू कर दी।
आखिरकार, विधायक रामकुमार टोप्पो एवं प्रशासन की पहल रंग लाई और दो साल बाद युवक को बंधुआ मजदूरी से मुक्ति मिली। जिसके बाद प्रशासन की देखरेख में युवक को सकुशल वापस लाकर परिजनों को सौंप दिया गया। दो साल बाद युवक को अपने बीच पाकर परिजनों ने राहत की सांस ली हैं।
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