मायावती का दौरा किसी के लिए पानी का बुलबुला. तो किसी को तो कोई फर्क ही नही पडता. फिर भी दावा एक लाख का .

अम्बिकापुर . बसपा सुप्रीमो मायावती 4 नवबंर को अम्बिकापुर मे एक चुनावी रैली को संबोधित करने अम्बिकापुर आ रही हैं. उनके साथ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के प्रमुख अजीत जोगी भी होगें. मायावती की चुनावी सभा स्थानिय कलाकेन्द्र मे होने वाली है. जिसको लेकर जोगी कांग्रेस ,बसपा औऱ सीपीआई के नेताओ ने तैयारियो शुरु भी कर दी है. लेकिन मायवती के इस दौरे को लेकर दोनो विपक्षी दल के नेताओ ने अपने अपने अंदाज मे तंज कसा है.

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एक लाख लोगो के आने का दावा : जेसीसी बसपा गठबंधन

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ और सीपीआई से गठबंधन के बाद बसपा सुप्रीमो की निगाह अब छत्तीसगढ चुनाव पर काफी चौकन्नी हो गई है. चौकन्नी इसलिए क्योकि कांग्रेस से बात ना बनने के बाद जेसीसी से तीस सीटो पर समझौता करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती आगामी 4,16,और17 तारिख के तीन दिनो मे चार संभाग की 6 स्थानो मे चुनावी सभा को संबोधित करने वाली हैं. इसमे प्रदेश की हाई प्रोफाईल अम्बिकापुर विधानसभा भी शामिल है. इधर मायावती के चुनावी दौरे को लेकर बसपा, जेसीसी और सीपीआई के लोग सभा की तैयार मे जमकर पसीना बहा रहें है. ऐसे मे यूथ जेसीसी के प्रदेश अध्यक्ष दानिश रफीक और बसपा लोकसभा प्रभारी अनिल कुरूल के साथ गठबंधन के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा सीटो के लोगो के अम्बिकापुर की रैली मे शामिल करने की जोर आजमाईस मे लगे हैं . इधर जेसीसीसी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष दानिश रफीक ने कहा मायवती की रैली ऐतहासिक होगी और इसमे 1 लाख लोगो के आने की उम्मीद है. साथ ही उन्होने कहा कि इस चुनाव मे बसपा के साथ हुए गठबंधन के बाद वो किसी अन्य दल को अपने लिए चुनौती नही मानते हैं. और खासकर कांग्रेस को तो बिलकुल भी नही ।

बसपा ने आज तक चार अंक पार नही किया : कांग्रे

2013 के विधानसभा चुनाव तक प्रदेश मे कांग्रेस और भाजपा प्रमुख दल रहें है. लेकिन चुनाव को त्रशंकु बनाने के लिहाज से छत्तीसगढ की एक सीट पर अपना विधायक बनाने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने छत्तीसगढ की राजनीति मे दखल रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी से गठबंधन किया है. लेकिन ऐसे मे कांग्रेस का पक्ष लेना जरुरी है. लिहाजा जब हमने कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डां जे पी श्रीवास्तव से मायावती के दौरे से होने वाले असर के बारे मे जाने तो श्री श्रीवास्तव ने साफ कहा कि बसपा तो इस क्षेत्र से हर बार चुनाव लडती रही है. लेकिन आज तक चार अंक को पार नही कर पाई है.  इतना ही नही उन्होने कहा कि मायावती या किसी भी पार्टी के नेता आने से कांग्रेस को कोई फर्क नही पडता. अंत मे कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा इस बार माहौल कांग्रेस के पक्ष मे है ।

पानी के बुलबुले के तरह आते है नेता : भाजपा

कांग्रेस को तो मायावती के 4 तारिख वाले दौरे से कोई फर्क नही पडता. तो फिर 15 साल से प्रदेश की सत्ता मे काबिज रहने वाला भारतीय जनता पार्टी के लोगो से भी जानना जरुरी था कि मायावती के दौरे को लेकर उनकी क्या प्रतिक्रिया है. लिहाजा अपनी प्रतिक्रिया मे भाजपा जिला अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने कहा कि हमारी पार्टी के नेता इस तरह के दौरे हमेशा करते रहते है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पिछले दो महीने मे तीन बार छग आ चुके हैं. लोगो और कार्यकर्ताओ से मिल चुके हैं. लेकिन बांकी पार्टी पर तंज कसते हुए अखिलेश सोनी ने कहा कि कुछ दल के नेता चुनाव के उत्सव मे पानी के बुलबुले की तरह निकलते हैं और फिर गायब हो जाते हैं

 

छ्त्तीसगढ मे 15 वर्षो से सत्ता सुख भोग रही भाजपा और सत्ता का राह देख रही कांग्रेस को मायावती की आने से कोई फर्क नही पडता.. लेकिन सच तो ये है कि एक हाथ की उंगली बराबर वोट परसेंट भी अगर डगमगाया तो फिर दोनो प्रमुख दलो के लिए मायावती और जोगी की माया का ही सहारा होगा.. खैर ये तो भविष्य की गर्त मे है. लेकिन हकीकत ये है कि अभी सरगुजा मे जोगी माया गठबंधन का असर सतह मे तो कही नजर नहीं आता ।