अम्बिकापुर। सरगुजा पुलिस विभाग भगवान भरोसे है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस जिले के पुलिस कप्तान का आदेश थाना प्रभारी नहीं मानते हैं। वो भी ऐसा आदेश जो लिखित में हैं.. और सार्वजनिक हो चुका है। मामला लखनपुर थाने का है। जहां पदस्थ दो आरक्षक का तबादला हो चुका है… लेकिन थाना प्रभारी अपने निजी स्वार्थ के कारण आरक्षकों को रवानगी नहीं दे रहे हैं।
आरक्षक क्रमांक 585 नाम दशरथ राजवाडे, आरक्षक क्रमांक 945 अतुल शर्मा, इन दोनों आरक्षक का तबादला 20 जनवरी को जारी आदेश में रक्षित केन्द्र अम्बिकापुर कर दिया गया था। इनके काम को देखते हुए सरगुजा जिले के पुलिस कप्तान तिलक राम कोशिमा जी ने इनको लखनपुर थाना से अम्बिकापुर के पुलिस लाइन बुला लिया था… लेकिन 4 महीने बाद भी अतुल शर्मा और दशरथ राजवाडे नाम के दोनो आरक्षक अब तक लखनपुर थाना मे ही ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे मे सवाल उठता है कि सरगुजा जिले के पुलिस विभाग में महकमे के मुखिया और उनके आदेश की कितनी कद्र होती है।
आदेश–
“आपको क्या परेशानी है। आदेश तो हजारों लोगों का हुआ है, बड़े-बड़े अधिकारियों का आदेश हुआ है। ASI से SI रैंक से लेकर आरक्षकों तक का आदेश हुआ है। पुराने एसपी, नए एसपी बहुत सारे लोग है। किसी न किसी वजह से रुके हुए हैं या अपना स्पष्टीकरण पेश किए हैं, किसी माध्यम से… या किसी गलत शिकायतों की वजह से.. उसमे जाकर अपना पक्ष पेश किए हैं। तब जाकर हुआ है.. अचानक ये बात!… 20 जनवरी के बाद भी बहुत सारे लोगों का तबादला हुआ है, आप उसी दोनों का क्यों पूछ रहे हैं। कोई पर्सनल इंटेशन।”
शिशिर कांत सिंह, थाना प्रभारी, लखनपुर
“अभी तत्काल उसमें तामीली होगी”
टी०आर० कोशिमा, एसपी, सरगुज़ा