- एक वर्ष में राज्य के सभी दिव्यांगजनों को जारी करेंगे पहचान पत्र
- मुख्यमंत्री ने किया ऐलान : दिव्यांग बच्चों को समाज कल्याण विभाग द्वारा अब दोगुनी छात्रवृत्ति
- देशभर में दो साल में 4.50 लाख दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण वितरित: श्री गेहलोत
रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की योजना के तहत निःशक्त (दिव्यांग) छात्र-छात्राओं को दी जा रही छात्रवृत्ति दोगुनी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चों के लिए राजधानी रायपुर में पांच सौ सीटों के छात्रावास निर्माण जल्द करवाने की घोषणा की। उन्होंने आज यहां भारत सुगम अभियान के तहत आयोजित जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए यह भी कहा कि प्रदेश के सभी छह लाख 25 हजार निःशक्त जनों का अगले एक वर्ष में सर्वेक्षण कर उन्हें पहचान पत्र जारी कर दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा अब तक चार लाख 50 हजार दिव्यांगजनों को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं। शेष दिव्यांगजनों को पहचान पत्र देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा एक वर्ष की समय सीमा तय की गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने की।
डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को हर प्रकार से मदद करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में सुगम्य भारत अभियान शुरू किया गया है। डॉ. सिंह ने कहा – दिसम्बर 2016 तक प्रदेश के सभी जिलों के सार्वजनिक और सरकारी भवनों को दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने इसके लिए जिला कलेक्टरों को एक माह के भीतर प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए, ताकि उसे केन्द्र को भेजा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय भवनों को बाधा रहित बनाने के लिए जिला कलेक्टरों को एक करोड़ रूपए की राशि खर्च करने का अधिकार दिया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने मुख्यमंत्री के आग्रह पर रायपुर में बनने वाले पांच सौ सीट के छात्रावास भवन निर्माण के लिए सहायता देने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान कर दी। इस मौके पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, सहकारिता, पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री दयालदास बघेल, संसदीय सचिव द्वय श्रीमती रूप कुमारी चौधरी और अम्बेश जांगड़े, राज्य सभा सांसद डॉ. भूषण लाल जांगड़े, मनोनीत विधायक श्री बर्नाड जोसेफ रोड्रिक्स, छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती सरला जैन और छत्तीसगढ़ अन्त्यवसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री निर्मल सिन्हा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के समाज कल्याण विभाग के सहयोग से किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति समाज की मानसिकता को बदलने की जरूरत है। दिव्यांगजनों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत इस बात की है कि हम उनका हौसला बढ़ाएं और उन्हें योजनाओं का लाभ पहुंचाएं, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। डॉ. रमन सिंह ने कहा – दिव्यांगजनों के सर्वेक्षण के साथ-साथ उन्हें उनकी रूचि के अनुसार स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण देने और रोजगार के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से ऋण दिलाने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए। दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है, जहां निःशक्तजनों को शासकीय नौकरी में छह प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जिसका प्रदेश में क्रियान्वयन अच्छी तरह से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों में निःशक्तजनों के लिए समेकित क्षेत्रीय केन्द्र प्रारंभ किए जाए। राजनांदगांव में ऐसे ही एक केन्द्र का आज शुभारंभ हो रहा है। इस क्षेत्रीय केन्द्र में दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, कृत्रिम अंग निर्माण और वितरण का काम होगा।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के पुनर्वास और कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक भवनों को बाधारहित बनाने और निःशक्तजनों के लिए छात्रावास प्रारंभ करने के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को दिए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत मंजूरी प्रदान की जाएगी। श्री गेहलोत ने बताया कि आज राजनांदगांव में 50 करोड़ रूपए से अधिक लागत से तैयार समेकित क्षेत्रीय केन्द्र का शुभारंभ होने जा रहा है। इस केन्द्र के सुचारू संचालन के लिए 19 अधिकारियों और
कर्मचारियों की पदस्थापना भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे केन्द्रों की देश के दूसरे राज्यों में स्वीकृति दी जा चुकी है, लेकिन राजनांदगांव का केन्द्र सबसे पहले प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में पिछले दो वर्षों में 1860 शिविर आयोजित कर चार लाख 50 हजार से ज्यादा दिव्यांगजनों को उनकी जरूरत के अनुसार कृत्रिम अंग एवं उपकरण वितरित किए गए। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि सुगम्य भारत अभियान समावेशी समाज बनाने की दृष्टि से चलाया जा रहा है। दिव्यांगजनों को किसी प्रकार की दया की जरूरत नहीं होती। सब मिलकर दिव्यांगजनों के जीवन में नया सवेरा लाने के लिए अपना सहयोग दें।
छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने देश के प्रमुख शहरों को दिव्यांगजनों के लिए अनुकुल बनाने की कड़ी में राजधानी रायपुर के 58 सार्वजनिक एवं शासकीय भवनों का सर्वे किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार दिव्यांगजनों के समग्र विकास के लिए हर तरह से मदद करने के लिए तैयार है। मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने प्रदेश में दिव्यांगजनों के कल्याण और पुनर्वास के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री मुकेश जैन ने सुगम्य भारत अभियान के बारे में जानकारी दी। समाज कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ सरकार के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आभार व्यक्त किया।