अम्बिकापुर
प्रतापपुर क्षेत्र के ग्राम बगडा में करंट से हथीनी और उसके 4 वर्षीय शावक की मौत होने पर हथिनी के पोस्टमार्टम होने के बाद ह्रदय विदारक वाकया सामने आया है इस वाकये से वन विभाग सहित पूरा गांव सतके में है, दरअसल मृत हथिनी का जब पोस्टमार्टम किया गया तब पता चला की हथिनी गर्भवती थी और उसके पेट में एक और मासूम हाथी का बच्चा पल रहा था और वो भी अपनी माँ के साथ मौत के आगोस में जा चुका था, इधर हथिनी और उसके 4 साल के शावक की मौत तक तो गाँव का माहौल ठीक था लेकिन अजन्मे बच्चे की गर्भ में मौत से वह पर मौजूद सभी लोगो की रूह काँप गई और मौके पर खड़े लोगो की आँखे एक जानवर के लिए नम दिखी,,
बहरहाल इंसानों पर जानवरों का कहर हो या जानवरों का इंसानों पर कहर नुक्सान दोनों ही स्थिति में जीवन का ही है…”जब जानवर कोई इंसान को मारे कहते है दुनिया में वहशी उसे सारे…इक जानवर की जान आज इंसानों ली है चुप क्यों है संसार..फिल्म हाथी मेरे साथी के इस गीत के बोल इस घटना के बाद याद आते है..पर संसार इस बार चुप नहीं बैठेगा वन विभाग कार्यवाही करेगा 3 हाथियों की मौत का करण बने किसान पर कार्यवाही होना भी लाजमी है..क्योकि महज गन्ने की सुरक्षा के लिए खुले में करंट दौड़ा देना कही से भी सही नहीं है इस करंट से इंसानी जान भी जा सकती थी