तत्कालीन अपर कलेक्टर के तबादला के बाद रिलीव होने से चंद घंटे पहले एक बिल्डर्स के जमीन विवाद से संबंधित 33 मामलों पर फैसला सुनाया गया। तबादला होने के बावजूद न्यायालयीन मामले में अपर कलेक्टर द्वारा आदेश सुनाए जाने की शिकायत कलेक्टर से की गई है।शिकायत में कहा गया है कि स्थानीय बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने के लिए अपर कलेक्टर ने तत्काल जमीन विवादों का निराकरण कर दिया है। मामलों की उच्च स्तरीय जांच कर फैसला निरस्त करने और बिल्डर्स पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई।
कांग्रेस जनसमस्या निवारण प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव गुलाब कमरो ने कलेक्टर एस प्रकाश से तत्कालीन अपर कलेक्टर एंडमंड लकड़ा के खिलाफ शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच और सभ फैसले को निरस्त करने की मांग की है। सचिव कमरो ने अपने शिकायत में कहा है कि राज्य शासन ने तत्कालीन अपर कलेक्टर लकड़ा का तबादला कोरबा कर दिया था। जिला प्रशासन ने अपर कलेक्टर लकड़ा को 28 अगस्त 2014 को कोरबा के लिए भारमुक्त कर दिया।
लेकिन अपर कलेक्टर लकड़ा ने स्थानीय बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने और लेनदेन कर तबादला रिलीव के दिन जमीन विवाद के 33 प्रकरणों पर फैसला सुनाया था। जमीन विवाद के प्रकरणों में 10 मामले 26 अगस्त को दर्ज किए गए थे और 28 अगस्त 2014 को फैसला कर दिया गया।
प्रदेश सचिव कमरो ने शिकायत में कहा है कि अपर कलेक्टर लकड़ा वर्ष 2012 से 28 अगस्त 2014 तक पदस्थ थे। इस दौरान जमीन विवाद से संबंधित कई प्रकरणों पर फैसला सुनाए हैं। लेकिन एक तबादला में जाने के दिन 33 प्रकरणों को एक साथ निपटा दिया गया था।उन्होंने कलेक्टर से अपर कलेक्टर के सभी 33 प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच कर फैसला निरस्त करने और बिल्डर्स पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
10 प्रकरण में सिर्फ 3 दिन में फैसला
सचिव कमरो ने बताया कि तत्कालीन अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा ने 10 प्रकरणों को सिर्फ 3 दिन में निराकरण कर दिया है। जमीन विवाद से संबंधित 10 प्रकरणों को लेनदेन कर और स्थानीय बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने के लिए 26 अगस्त 2014 को निराकृत कर दिया गया है। उन्होंने ने कलेक्टर के माध्यम से मामलों की जांच करने मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सरगुजा संभायुक्त को शिकायत भेजी है।
कोरबा जाने के चंद घंटे पहले निपटाए प्रकरण
प्रदेश सचिव कमरो ने अपने शिकायत में कहा है कि जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर लकड़ा को 28 अगस्त 2014 को कोरबा के लिए रिलीव कर दिया था। लेकिन अपर कलेक्टर ने बिल्डर्स के जमीन विवाद के 33 प्रकरणों में एक दिन में फैसला सुना दिया। अपर कलेक्टर ने 28 अगस्त को 23 प्रकरणों में भूमि बेचने की अनुमति दी गई है। जबकि भूमि बेचने के पहले अनुमति लेने व ईश्तहार जारी करने में 15 दिन से अधिक समय लगता है।
उन्होंने कहा है कि कई प्रकरणों में पटवारी व तहसीलदार का प्रतिवेदन नहीं होने के बाद भी बेचने की अनुमति दी गई है। फैसला होने के बाद जमीन मालिक को धमकाकर पटवारी व तहसीलदार का प्रतिवेदन जमा कराया गया है। उन्होंने कलेक्टर एस प्रकाश से शिकायत कर पद का दुरुपयोग कर बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने के लिए फैसला दिया गया है। जो कि अनुचित है।