अम्बिकापुर
- मैनपाठ के बरिमा कोरवा आश्रम से थी लापता
- पैदल मामा के घर धर्मजयगढ निकली थी मासूम दुर्गावति
- एक परिवार ने 8 वर्षीय बालिका को सुरक्षित अपने पास रखा था
- छात्रा की जानकारी देने वाले परिवार को दस हजार के ईनाम की घोषणा
सरगुजा के मैनपाठ क्षेत्र से लापता छात्र सही सलामत अपने परिजनो के पास पंहुच गई है, दरअसल मैनपाठ के बरिमा गांव मे संचालित शासकीय कोरवा आश्रम मे रह कर, तीसरी कक्षा मे पढने वाली आठ वर्षीय मासूम दुर्गावति 18 जुलाई को रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थी। जिसके बाद आश्रम प्रंबधन द्वारा इसकी शिकायत क्षेत्र के कमलेश्वरपुर थाने मे दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद से ही इसकी तलाश जारी थी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी उसका कोई पता नही चला था। जिसके चलते सरगुजा पुलिस अधीक्षक ने आठ वर्षीय छात्रा को ढूढने वाले के लिए 10 हजार का ईनाम भी घोषित किया था।
अब जब छात्रा मिल गई है तो पता चला है कि 18 तारिख को सुबह ही छात्रा पैदल अपने मामा के घर धर्मजयगढ के लिए निकल गई थी, लेकिन रास्ता भटक कर वो मैनपाठ के जंगल से लगे , रायगढ जिले के कंचिरा गांव पंहुच गई, जंहा उसे कोरवा जाति के एक परिवार ने सही सलामत रखा था। जिसके बाद आज कंचिरा के ग्रामीणो ने गुमशुदा छात्रा के बताए अनुसार उसे कमलेश्वरपुर थाना पंहुचा दिया। और अब 11 दिनो से रहस्यमयी ढंग से लापता मासूम छात्रा दुर्गावति अपने परिजनो के पास पंहुच गई है।