हाईकोर्ट के न्यायाधिपति नें न्यायालय परिसर के भवन का लोकार्पण किया

अम्बिकापुर
छत्तीसगढ उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायाधिपति श्री गौतम भादुड़ी ने आज यहां जिला न्यायालय परिसर अम्बिकापुर में करीब 40 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित जिला एवं सत्र न्यायालय के अतिरिक्त कार्यालय भवन और न्याय सदन का विधिवत फीता काटकर लोकार्पण किया। इस लोकार्पण समारोह में सरगुजा जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री एन.के.चन्द्रवंषी, सरगुजा संभाग के कमिष्नर श्री टी.सी.महावर तथा अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष श्री आर.एन.प्रसाद विषेष रूप से उपस्थित थे।
इस समारोह के मुख्य अतिथि श्री भादुड़ी ने कहा कि न्याय व्यवस्था के प्रति जनता का विष्वास बनाये रखने के लिए हर स्तर पर आवष्यक प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि लीगल अथॅारिटी एक्ट 1989 में यह प्रावधान है कि जनहित के कुछ कार्य जैसे सड़क, पेयजल, विद्युत, साफ-सफाई, यातायात, पोस्ट एण्ड टेलीग्राम, इंष्योरेंष और बैंकिग आदि सेवाओं के संबंध में न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया जा unnamed (21)सकता है। कोर्ट द्वारा जनहित में दायर याचिकाओं के संबंध में आर्डर पास किया जा सकता है, जिस पर रिट दायर नहीं किया जा सकता है। श्री भादुड़ी ने इस अवसर पर उपस्थित अधिवक्ताओं से अपेक्षा की कि वे जनहित के कार्य न होने पर कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करायें, ताकि न्यायालय में न्यायधीषों द्वारा जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आदेष पारित किया जा सके। उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि वे ऐसा कार्य करे जिससे न्याय व्यवस्था के प्रति लोगों का विष्वास बढ़े तभी इन भवनों के बनने की उपयोगिता सार्थक सिद्ध होगी।
छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के न्यायाधीपति श्री भादुड़ी ने कहा कि आज यह कहा जाता है कि न्यायालयों का हस्तक्षेप अधिक बढ़ने लगा है। उन्होंने एक सेमीनार में उठे मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि परिस्थितियां ऐसी बन जाती है कि न्यायालय का हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है। श्री भादुड़ी ने स्थायी लोक अदालत पर सेमीनार आयोजित करने की आवष्यकता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर 25 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित जिला एवं सत्र न्यायालय के अतिरिक्त कार्यालय भवन और 15 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित न्याय सदन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीष, सरगुजा के पुलिस अधीक्षक श्री आर.एस.नायक तथा बड़ी संख्या मंे अधिवक्तागण उपस्थित थे।