अम्बिकापुर
छत्तीसगढ के गौरव के रुप मे स्थापित अम्बिकापुर का सैनिक स्कूल मुश्किलो के दौर से गुजर रहा है। सैनिक स्कूल पर मुश्किल किसी और ने नही बल्कि राज्य शासन के उस फरमान ने पैदा कर दी है। जिसके मुताबिक सैनिक स्कूल के नवनिर्मित भवन को मेडकिल कालेज के लिए दे दिया है। फिलहाल इस मसले को लेकर अभिवावक एक बार फिर से राज्य सरकार के खिलाफ लामबंद नजर आ रहे है।
अम्बिकापुर मे स्थापित सैनिक स्कूल का निवनिर्मित भवन मे आगामी सत्र से मेडिकल कालेज संचालित होगा। एमसीआई के मापदण्डो के अनुरुप सैनिक स्कूल का भवन को मेडिकल कालेज के लिए तो दिया गया है। लेकिन स्थापना काल से ही जुगाड के भवन मे पढने वाले सैनिक स्कूल के छात्र और उनके अभिवावक इस बात को लेकर काफी खफा है। और उनकी मांग है कि सैनिक स्कूल के लिए बने भवन को सैनिक स्कूल के लिए ही हैण्डओवर किया जाए।
छत्तीसगढ के एकलौते सैनिक स्कूल के छात्र नए भवन को बनता देखकर 6 वर्षो से जुगाड के भवन मे गुजारा कर रहे थे। लेकिन उनकी मंशा पर फिरते पानी को देखकर अब वो ऐन केन प्रकारेण अपने हक की लडाई लडने को मजबूर है। इधर इस मसले को लेकर अभिवावक संघ ने अम्बिकापुर के नवनिर्वाचित महापौर को अपनी समस्या से अवगत करा कर । उनसे इस मसले मे हस्ताक्षेप की मांग की है। तो महापौर ने कहा है कि वो अपने परिषद मे इस बात को रखकर हर संभव प्रयास करेंगे कि नवनिर्मित भवन सैनिक स्कूल को ही मिले।
कुछ महीने पहले सैनिक स्कूल प्रबंधन के पास पंहुचे,, राज्य शासन के फरमान के बाद से सैनिक स्कूल के अभिवावक राज्य शासन से ,, सैनिक स्कूल के लिए बने नवनिर्मित भवन को सैनिक स्कूल को ही हैंडओवर करने की मांग कर रहे है। और अब जब नए सत्र का समय नजदीक आता जा रहा है,, तो ऐसे मे अभिवावको ने अपनी आवाज बुलंद करनी शुरु कर दी है।