छत्तीसगढ़ के लोक नृत्यों की भी होगी रंग-बिरंगी छटा
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल सिरपुर में आगामी चार जनवरी से शुरू हो रहे तीन दिवसीय सिरपुर राष्ट्रीय नृत्य और संगीत में देश और प्रदेश के अनेक प्रसिद्ध कलाकार अपनी कला प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह करेंगे। कोरिया गणराज्य के भारत स्थित राजदूत श्री ली जुन्ग्यू भी महोत्सव के शुभारंभ समारोह में शामिल होंगे। ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर परिसर में चार जनवरी को शाम 5.30 बजे महोत्सव का शुभारंभ होगा। पर्यटन मण्डल ने सभी नागरिकों से महोत्सव के कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील की है।
शुभारंभ सत्र की सांस्कृतिक संध्या में देश एवं प्रदेश के लोक नृत्यों एवं लोकगीतों की प्रस्तुति होगी। छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय पंथी और कर्मा नृत्यों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
राज्य की लोकप्रिय भरथरी गायिका श्रीमती सुरूज बाई खांडे भी कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी। देश के विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों का विशेष कार्यक्रम ‘अतुल्य भारत‘ शीर्षक से प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद ‘समन्वय‘ शीर्षक से भारतीय शास्त्रीय नृत्य की पांच शैलियों की मनमोहक प्रस्तुति होगी। प्रथम दिवस के कार्यक्रम के अंतिम चरण में बडे़ गाजी खान बरना एवं उनकी मण्डली द्वारा राजस्थानी लांगा एवं मांगणियार गायकी का प्रस्तुतिकरण होगा।
अगले दिन 5 जनवरी को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गौर माड़िया नृत्य, राउत नाचा और ददरिया गीतों की प्रस्तुति होगी। मुम्बई की राजश्री शिरके और उनकी मण्डली के कलाकार कत्थक नृत्य का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम की अगली कड़ी में ‘छाऊ नृत्य‘ के मंजे हुए कलाकार श्री संतोष नायर एवं समूह द्वारा ‘ट्रीनिटी‘ थीम पर नृत्य का मंचन करेंगे। दूसरे दिन पांच जनवरी की सांस्कृतिक संध्या में प्रख्यात गायक बन्धु पद्मश्री सम्मान प्राप्त वडाली ब्रदर्स सुफियाना संगीत प्रस्तुत करेंगे। महोत्सव समापन दिवस पर 6 जनवरी को छत्तीसगढ़ी की प्रसिद्ध पण्डवानी गायिका, पद्म भूषण अलंकरण से सम्मानित श्रीमती तीजन बाई का कार्यक्रम होगा। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के जशपुर और सरगुजा अंचल के लोकप्रिय सरहुल नृत्य और सैला नृत्य का भी प्रदर्शन होगा। श्री संतोष नायर के नृत्य निर्देशन में वन्दना का प्रस्तुतिकरण होगा। प्रसिद्ध कलाकार श्रीमती अरूणा मोहंती एवं उनके समूह द्वारा ओडिसी नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। समापन दिवस की सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका, पद्मश्री सम्मान प्राप्त श्रीमती शुभा मुदगल का गायन भी होगा। इस मौके पर प्रीति पटेल के अंगिका समूह द्वारा मणिपुरी बैले नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा।