अम्बिकापुर
अम्बिकापुर का शासकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई वर्ष 1965 में बनी वर्षो पुराने भवन में संचालित है । नए भवन के लिए शासन से मंजूरी भी मिली और भवन बनना शुरु भी हुआ । लेकिन फंड की कमी के कारण भवन निर्माण अधूरा रह गया । और अब प्रबंधन को सभी ट्रेडो की कक्षाए और प्रयोगशाला सुचारु रुप से चलाने मे कठिनाई का सामना करना पड रहा है । सेन्ट्रल आफ एक्सिलेंस के तहत केन्द्र सरकार से 95 लाख रुपए का टेंडर स्वीकृत किया गया था । लागत कम होने की वजह से टेंडर को रिवाईज करके 1 करोड 11 लाख रुपए का स्वीकृत भी हुआ ,,लेकिन उसके बाद भी अब तक नए निर्माणाधीन भवन का निर्माण कार्य शुरु नही हो पाया है.. जिसकी वजह से संभाग के सबसे बडे आईटीआई के संचालन में प्रबंधन को काफी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है ।
जानकारी के मुताबिक जिस भवन में आईटीआई संचालित है उस 45 वर्ष पुराने भवन में 200 छात्रो को प्रशिक्षण और पढाने की व्यवस्थाएं है,, लेकिन अब आईटीआई के हर ट्रेड में प्रत्येक वर्ष 500 से अधिक छात्र छात्राएं दाखिला लेते है,,, जिससे एक तरफ तो उनके पढाई और प्रशिक्षण में दिक्कते आती है,, तो दूसरी ओर 45 साल पहले बना अम्बिकापुर का ये शासकीय आईटीआई अब जर्जर भी हो चुका है। जिसको लेकर प्रबंधन की चिंता स्वाभाविक है,, लेकिन रिवाईज टेंडर के बाद अभी तक ये तय नही हो पाया है कि 2006-07 से बन रहा नए भवन का काम कब शुरु होगा,, और कब तक ये भवन बन कर तैयार होगा,, जिससे कि आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले को आईटीआई छात्रो को बेहतर माहौल में बेहतर तालीम दी जा सके।