अंबिकापुर संत हरकेवल दास शिक्षा महाविद्द्यालय एक बार फिर विवादों में है.. यहाँ बी.एड.की पढाई करने वाली छात्राओं ने सरगुजा विश्व विद्द्यालय के कुलपती और मानव अधिकार आयोग से इन्साफ की गुहार लगाई है.. कालेज के प्राचार्य की दहशत इतनी है की कोई भी छात्रा सामने आकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है नाम ना लिखने की शर्त पर पूरी जानकारी फटाफट न्यूज को बताई और कुलपति को दिया गया शिकायत पत्र हमें दिया.. दरअसल पत्र में शिकायत करते हुए बताया गया है की कालेज के प्राचार्य द्वारा पक्षपात किया जाता है.. 100 रुपये से 1000 रुपये तक का फाइन बेवजह वसूला जाता है.. प्राचार्य की कुछ चहेती स्टूडेंट्स सभी के साथ दुर्वयवहार करती हैं और इसकी शिकायत करने पर प्राचार्य द्वारा उलटा धमकाया जाता है.. प्राचार्य द्वारा किसी भी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रैक्टिकल में नम्र काटने की धमकी दी जाती है..
बहरहाल छात्राओं का कहना है की बहोत हिम्मत जुटा कर वो ये शिकायत कर सकीं है और निवेदन किया है की उनकी पहचान गुप्त रखी जाए वरना कालेज से उनका नाम भी काटा जा सकता है.. इसके साथ ही एक कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की गई है.. छात्राओं का कहना है की सबके सामने प्राचार्य के डर से कोई सच नहीं बोलेगा इसलिए जांच अधिकारी सभी छात्राओं से अलग अलग बंद कमरे में बयान लें जिससे सच्चाई सामने सा सके..
आरोप सिर्फ संत हरकेवल प्रबंधन पर ही नहीं है आरोप कुछ सरकारी नुमाइंदो पर भी लग रहे है क्योकी इसकी शिकायत पहले भी कई बार की जा चुकी है लेकिन जाँच और कार्यवाही होने की जगह, प्राचार्य तक शिकायतकर्ता का नाम पहुंचा दिया जाता है.. जिससे उस छात्रा को द्वेषपूर्ण कार्यवाही का शिकार होना पड़ता है..
आपको बतादें की हालही में यह कालेज तब सुर्ख़ियों में आया था जब यहाँ के एक स्टाफ के द्वारा छात्रा को ट्यूशन देने के बहाने उसके साथ छेड़-छाड़ की घटना को अंजाम दिया गया था.. हालाकी इस मामले में कालेज प्रबंधन ने यह कह कर अपना दामन बचा लिया था की उस स्टाफ को वो पहले ही नौकरी से निकाल चुके है.. लेकिन कहते है की आग लगी है तो धुआ तो उठेगा.. लिहाजा कालेज के अन्दर की आग का धुआ अब बाहर आ चुका है.. देखना यह है की क्या प्रशासन मामले की निष्पक्ष जांच कराएगा.. क्या दोषी पाए जाने पर कठोर कार्यवाही होगी.. या फिर इन छात्राओं को ही निरंकुश कालेज के हिटलर शाही का शिकार होना पडेगा..