सूरजपुर
प्रतापपुर से “राजेश गर्ग”
विकास खण्ड प्रतापपुर के ग्राम पंचायत धोंधा स्थित बटई जंगल में 13 जनवरी की सुबह साही का शिकार करने तीन युवक गए थे। युवकों द्वारा साही को दौड़ाने के दौरान साही एक गुफा के भीतर घुस गया। साही को बाहर निकालने का युवकों का प्रयास असफल रहा तो तीनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर गुफा के अंदर घुस गए। गुफा सुरंगनुमा थी और दो युवकों का हाथ छूट गया और वे गुफा में फिसलकर गिर गए। जबकि तीसरा युवक गुफा के बाहर लौट आया। इसकी जानकारी जब गांव वालों को लगी तो वे उन्हें निकालने पहुंच गए। युवकों के नहीं निकलने पर रात में उन्होंने चंदौरा पुलिस को घटना की सूचना दी। स्थानीय लोंगो और पुलिस की मदद से मंगलवार की शाम करीब पांच बजे दोनों का शव बाहर निकाला। जबकि 29 घंटे तक दोनों युवकों का शव गुफा के अंदर ही फंसा रहा ।
सूरजपुर जिले के रमकोला स्थित ग्राम बरपटिया निवासी संतलाल पिता बुधराम 26 वर्ष अपने ससुराल ग्राम डांड़करवा के बोदरीखाड़ी गया था। यहां वह मंगलवार की सुबह 11 बजे अपने साले रोहित कुमार पिता रामलखन 35 वर्ष और गांव के ही भीम सिंह पिता शिवटहल 23 वर्ष के साथ ग्राम धोंधा के बटई जंगल में जानवर का शिकार करने गया था। इसी दौरान उन्हें एक साही दिखाई दिया। तीनों ने उसे दौड़ाया तो साही भागते हुए साहीमाड़ा गुफा में घुस गया। तीनों ने उसे निकालने गुफा के द्वार पर आग जलाकर धुआं किया लेकिन साही बाहर नहीं निकला। साही के बाहर नहीं निकलने पर तीनों ने गुफा के भीतर घुसकर उसे पकडऩे का मन बना लिया। इसके बाद एक-दूसरे का हाथ पकड़कर वे गुफा में घुसने लगे। गुफा के भीतर का रास्ता आगे जाने के बाद नीचे की ओर सुरंगनुमा था। यहां पहुंचते ही भीम सिंह व संतलाल का हाथ रोहित कुमार से छूट गया और वे दोनों फिसलकर गुफा में गिर गए। इसके बाद रोहित ने दोनों को काफी आवाज लगाई लेकिन अंदर से वे कुछ नहीं बोल पाए।
इसके बाद रोहित कुमार भागता हुआ गांव आया और घटना की जानकारी लोगों को दी। खबर गांव में फैलते ही काफी संख्या में ग्रामीण गुफा के पास पहुंच गए। उन्होंने दोनों को निकालने अपनी ओर से काफी प्रयास किया लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो पाए। जब शाम हो गई तो ग्रामीण वापस लौट आए और घटना की सूचना रात करीब दस बजे चंदौरा थाने को दी। दोनों युवकों को गुफा से बाहर निकालने बुधवार की सुबह से पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। काफी मशक्कत के बाद भी जब युवकों को नहीं निकाला जा सका तो ग्राम धोंधा के रामसजीवन यादव व घटना में बचकर निकले रोहित ने अपने कमर में रस्सी बांधकर करीब चार बजे गुफा के भीतर प्रवेश किया। करीब 50 मीटर भीतर घुसने के बाद मृतकों का पैर उनके हाथ में आया। इसके बाद युवकों ने दोनों शव को रस्सी में बांधा और पुलिस तथा ग्रामीणों की सहायता से बाहर निकाल शव करीब 29 घंटे तक गुफा के अंदर रहा। जैसे ही दोनों का शव गुफा से निकाला गया, वहां बाहर मौजूद परिजनों के रोने का ठिकाना न रहा। इस हादसे से दो परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसर गया । पुलिस ने पंचनामा पश्चात शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया। बताया जा रहा है कि बटई, गोविंदपुर, रमकोला, जजावल सहित क्षेत्र के अन्य ग्रामों के लोगों द्वारा जंगली जानवरों का शिकार करने जगह-जगह करंट प्रवाहित तार बिछाया जाता है। तार का कनेक्शन भी अवैध होता है। ऐसे में जानवर तो करंट के चपेट में आते ही हैं ग्रामीण भी चपेट में आ जाते हैं। और इस तरह से जानवरो का शिकार लगातार जारी है ।