बलरामपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय निकाय के आह्वान पर जिला बलरामपुर के लिपिकों ने सोमवार को स्मरण दिवस के रूप में मनाया। लिपिकों ने भोजन अवकाश के दौरान कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन एवं नारेबाजी करते हुए पिछले वर्ष 17 फरवरी को त्रिवेणी भवन बिलासपुर में मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए घोषणा को याद दिलाया एवं लिपिकों की वेतन विसंगति दूर करने की मांग किया।
लिपिकों ने जिलाध्यक्ष रमेश तिवारी के अगुवाई में प्रदर्शन एवं नारेबाजी करते हुये मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम का ज्ञापन अपर कलेक्टर विजय कुजूर को सौंपा। प्रदर्शन में प्रांतीय सचिव इम्तियाज अहमद, संभागीय अध्यक्ष विकास कुमार, जिला अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) नयनतारा सिंह, जिला सचिव रीता बिरथरे, उपाध्यक्ष भुवन यादव, इकबाल अहमद, तहसील अध्यक्ष चंद्रिका प्रजापति, सूर्य प्रताप कुशवाहा, घनश्याम नायक, विष्णु गुप्ता, विनोद सिन्हा, प्रभात पटेल, अनूप बड़ा, गजेंद्र दोहरे, उमेश गुप्ता, मोहन कुजूर, संदीप पाल, पन्नालाल यादव, बनारसी यादव, फुलेश्वरी प्रजापति, विनीता एक्का,अर्चना मिंज, वेदमती मिश्रा, पूनम सिंह, सहित सैकड़ों लिपिक शामिल हुए।
जिलाध्यक्ष रमेश तिवारी ने बताया कि लिपिकों की वेतनमान में सुधार की मांग लंबे समय से चली आ रही है। वर्ष 2018 में 26 दिनों के हड़ताल के बाद माँगो पर सहमति बन गयी थी, परन्तु ऐन वक्त पर आचार संहिता लागू होने के कारण आदेश जारी नही हो सका। विगत वर्ष मुख्यमंत्री ने लिपिकों के महा अधिवेशन के दौरान ये घोषणा किया था कि इस वर्ष किसानों की माँग पूरी हुई आगामी वर्ष लिपिकों की बारी आयेगी। उक्त घोषणा के बाद साल भर लिपिकों ने इंतज़ार किया। घोषणा के एक वर्ष बाद स्मरण दिवस मनाया गया है। इसके बाद प्रदेश भर के लिपिक अपनी माँगो को पूरा करने के लिये पोस्टकार्ड अभियान चलायेंगे। जिसमे प्रदेश भर के लिपिक प्रतिदिन मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पोस्टकार्ड भेजकर उनको अपना वादा याद दिलायेंगे। आवश्यकता होने पर प्रांतीय निकाय के निर्णय अनुसार आंदोलन का स्वरूप भी परिवर्तन किया जायेगा। जिलाध्यक्ष रमेश तिवारी ने समस्त लिपिकों से आंदोलन के लिये तैयार रहने का अपील किया गया है।