वीडियो: सरगुजा मे स्वास्थ्य व्यवस्था का ऐसा है हाल.. लकड़ी के स्ट्रेचर मे ढोई जाती है कई किलोमीटर तक लाश…

अम्बिकापुर . कई सरकार बदल गई. कई मुख्यमंत्री और मंत्री बदल गए. लेकिन छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था अब तक नहीं बदल पाई. और स्वास्थ्य मंत्री के इलाके से आ रही तस्वीर से तो लगता है कि स्वास्थ्य विभाग मे कुछ बदलने वाला नहीं.

दरअसल मामला सरगुजा संभाग मुख्यालय के सबसे नजदीक के दरिमा थाना और, दरिमा स्वास्थ्य केंद्र से जुडा है. जानकारी के मुताबिक आज दरिमा एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते मे, बहने वाली खर्रा (घुनघुटा) नदी के किनारे एक अंजान व्यक्ति का शव दिखा. जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने दरिमा पुलिस को दी. फिर पुलिस भी मौके पर पहुंची और पुलिस ने लोगों से शव पहचान करवाई. लेकिन शव की पहचान नहीं हो पाई. लिहाजा पुलिस ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर पहले घटना स्थल पर शव का पंचनामा किया और शव को पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया.

ऐसे भेजा जाता है शव.?
जिस व्यक्ति का शव खर्रा नदी के किनारे मिला वो भले ही अंजान था. लेकिन उसके शव को पुलिस ने जिस तरह से पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. उससे सभ्य और आधुनिक समाज मे अब बुराई के रूप मे देखा जाने लगा है. दरअसल शनिवार को मिले इस शव को पुलिस ने पंचनामा करके शव को पोस्टमार्टम के लिए करीब दो किलोमीटर दूर दरिमा मे बने पीएम हाउस भेजा. लेकिन भेजने और शव ढोने के लिए पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से लकडी का पैदल शव वाहन.. या कह ले जुगाड का स्ट्रेचर तैयार करवाया और फिर स्थानीय लोगो को शव ले जाने के लिए तैयार करके शव को जुगाड के स्ट्रेचर से पैदल ही दो किलोमीटर भेज दिया. हांवाकि आधुनिक और डीजिटल समाज के युग मे इस तरह की व्यवस्था को देखकर आधुनिकता और सरकारी दावे केवल प्रशासनिक चोले लगते हैं..

नहीं है शव वाहन..
इस बेहद गंभीर मामले के बाद जब दरिमा थाना प्रभारी इमानुअल लडका से टेलीफोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा शव को ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसलिए जनसहयोग से शव को पीएम के लिए भेजा गया था.