लाख कोशिश कर लो हम नही सुधरेंगे….. अदानी की मनमानी जारी

  • अदानी द्वारा संचालित स्कूल की बसों ने तोड़े सारे नियम कानुन
  • बच्चों को बस के अन्दर जगह नही होने पर छत के उपर बैठाकर लगेज की तरह ढोया जा रहा है

अम्बिकापुर /उदयपुर

बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह स्कूल बस में ढोये जाने के संबंध में समाचार प्रकाषन के बाद भी ना तो प्रषासन का ध्यान इस ओर गया है और ना ही परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना का संचालन करने वाली अदानी कंपनी प्रबंधन इस ओर ध्यान दे रही है ।

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है ग्राम केते परसा से उदयपुर तक कोल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को माईनिंग का संचालन करने वाली कंपनी अदानी द्वारा स्कूल तक बच्चों को पहुंचाने के लिए बस की सुविधा प्रदान की गई है। इन बसों में क्षेत्र के लगभग 200 बच्चे प्रतिदिन अपना भविष्य गढ़ने विभिन्न विद्यालयों में जाते है। प्रबंधन द्वारा बस की पर्याप्त व्यवस्था नही किये जाने से छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल बस में छात्र-छात्राओं को भेड़ बकरियों की तरह ठुंसकर भरा जाता है । बस क्रमांक सीजी10ए3671 में रोज लगभग 200 बच्चों को स्कूल आरंभ होने के दिन से ही इसी तरह ढोया जाता है। बैठने की बात तो दूर बस में बच्चों के खड़े होने की भी जगह नही बचती। बच्चों को सांस लेने में भी परेषानी होती है। बच्चे पसीना पोछते हुये किसी तरह विद्यालय से घर और घर से विद्यालय तक का सफर तय करते है। बस के अन्दर जगह नही होने पर छत के उपर बैठाकर लगेज की तरह ढोया जाता है।स्कूल समय पर पहुंचने की मजबूरी है इसलिए जान जोखिम में डालकर बच्चों को इस स्कूल बस में आना जाना पड़ता है। बच्चों की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है मानो किसी गुनाह की सजा दी गई हो इन नन्हे और आने वाले भारत के भविष्य को । बस की क्षमता लगभग पचास लोगों की है। परंतु स्कूल आने जाने वाले बच्चों की संख्या 200 के करीब है जिनमें से 69 बच्चे साल्ही, 37 बच्चे षिवनगर, 43 बच्चे डांडगांव, 03 बच्चे बिषुनपुर, 03 बच्चे वनवासी सेवा आश्रम डांडगांव, 43 बच्चे उदयपुर के विद्यालयों में अध्ययन करते है। विद्यार्थियों ने बताया कंपनी प्रबंधन से इस संबंध में कई बार चर्चा किये जाने के बाद भी इसका कोई हल निकला है। कुछ दिनों पूर्व भी इस संबंध में आंदोलन किया गया था पर सिर्फ आष्वासन देकर कोल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को लगातार ठगा जा रहा है। कंपनी प्रबंधन एवं प्रषासन शायद किसी दुर्घटना के इंतजार में है ? खतरनाक स्थिति में स्कूली बस में बच्चों के आने जाने से दुर्घटना की संभावना लगातार बनी हुई है। विद्यार्थियों एवं उनके परिजनों ने कहा कि जब तक सही सलामत घर वापस नही आ जाते तब तक तमाम आषंकायें बनी रहती है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि केते परसा से उदयपुर आने जाने के दौरान रास्ते में ग्राम दावा में परिवहन विभाग के लोग उड़नदस्ता की वाहन लेकर डेरा डाले रहते है । परंतु उनका भी ध्यान इस ओर नही जाता है क्योंकि उनका ध्यान तो सिर्फ ट्रकों और बाहरी राज्यों से आने वाले अन्य वाहनों पर ही रहती है । जिसका एकमात्र उद्देष्य अवैध वसुली है।

 

पूर्व में प्रसारित समाचार इस लिंक में पढिए https://fatafatnews.com/archives/18057