अम्बिकापुर 16 जुलाई 2014
शहतूती रेषम खेती को जिले में बढ़ावा देने के उद्देष्य से कृषकों को पौधरोपण कार्य, रेषम कीटपालन कार्य और प्रत्येक कार्यो की तकनीक से अवगत कराने हेतु कृषकों को रेषम केन्द्रों में भ्रमण कराया गया। रेषम कीटपालन के माध्यम से किसान अपनी आय बढ़ा सकते है। इसी उद्देष्य को ध्यान में रखकर वंदना ग्राम के जंगलपारा के किसानों ने रेषम केन्द्रों का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की। शहतूती खेती से उत्पन्न कोयों को 12 हजार प्रति क्विंटल तथा 14 हजार प्रति क्विंटल के दर से क्रय किया जाता है। किसानों के लिए कोयों को बेचने हेतु शत-प्रतिषत बाजार की गारंटी है। किसानो को अपना उत्पाद बेचने के लिए कही और जाने की आवष्यकता नहीं पड़ती है।
रेषम विभाग के उप संचालक श्री एस.सी. नोन्हारे ने बताया कि किसानों को पौधरोपण कार्य हेतु 9 हजार प्रति एकड़ तथा रेषम कीटपालन भवन निर्माण के लिए 1.50 लाख रूपए कीटपालन उपकरणों के 50 हजार रू. तथा सिंचाई सुविधाओं के लिए 20 हजार रूपए के सहयोग का प्रावधान है। विभाग द्वारा किसान को रेषम उत्पादन से संबंधित संपूर्ण प्रषिक्षण प्रदान किया जाता है। शासन द्वारा दिए जा रहे सहयोग एवं प्रभावी प्रषिक्षण के फलस्वरूप किसान शहतूती रेषम खेती में रूचि दिखा रहे है।