छत्तीसगढ़ में सिकलसेल संस्थान स्वशासी समिति के रूप में कार्य शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं स्वशासी समिति के अध्यक्ष श्री अमर अग्रवाल की अध्यक्षता में कल शाम यहां समिति की पहली बैठक हुई, जिसमें संस्थान के भर्ती एवं सेवा नियमों के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। श्री अग्रवाल ने इस अवसर पर सिकलसेल संस्थान की वेबसाइट www.scic.co.in का शुभारंभ किया। इस वेबसाइट में सिकलसेल संस्थान से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध है। बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री एम.के. राऊत भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नवम्बर 2010 में रायपुर में आयोजित सिकलसेल अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सिकलसेल की बीमारी के शोध के लिए एक सिकलसेल संस्थान की स्थापना की घोषणा की थी। उसी घोषणा के अनुरूप इस संस्थान की स्थापना की गई है। राज्य शासन द्वारा इस संस्थान के लिए जून 2013 में 179 पद स्वीकृत किए गए हैं। बायोकेमेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पी.के. पात्रा को इस संस्थान का महानिदेशक बनाया गया है। डॉ. पी. के. पात्रा ने बताया कि सितम्बर 2013 में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सिकलसेल संस्थान को स्वशासी समिति के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के परिपालन में संस्थान का स्वशासी समिति के रूप में पंजीयन करा लिया गया है। उन्होंने बताया कि सिकलसेल संस्थान के लिए नया रायपुर में 25 एकड़ भूमि ली जा रही है। वर्तमान में यह संस्थान अस्थायी तौर पर चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के जेनेटिक लैब बायोकेमेस्ट्री विभाग में संचालित हो रहा है। बैठक में समिति के सदस्य श्री प्रताप सिंह आयुक्त स्वास्थ्य विभाग, डॉ. सुबीर मुखर्जी संचालक चिकित्सा शिक्षा, डॉ. जी.एस. बदेशा संचालक आयुष, सुश्री सुषमा सावंत अतिरिक्त सचिव विधि विभाग, श्री एस.के. चक्रवर्ती उप सचिव वित्त विभाग और समिति के सदस्य सचिव डॉ. पी.के. पात्रा उपस्थित थे।