रायपुर
इसकी नींव अंग्रेजों के शासनकाल में रखी गई थी। यह पूर्वी भारत के उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शामिल था। इसे वर्ष1882 में जबलपुर में तत्कालीन वाणिज्यिक पत्र के मुख्य आयुक्त सर एंड्रयू फे्रजर द्वारा स्थापित किया गया था। छत्तीसगढ़, उड़ीसा और बिहार के राजघरानों, जमींदारों के बच्चों को शिक्षा देने के उद्देश्य से वहां पर एक छात्रावास सह स्कूल के रूप में इसे शुरू किया गया। वर्ष1894 में इसे रायपुर स्थानांतरित करते हुए बोर्डिंग स्कूल के रूप में खोला गया। रायपुर में 100 साल पूरे होने पर1994 में13 भाषाओं में स्कूल का वृत्तचित्र भी बना। यहां पर छात्रों को आज भी शिक्षा के आलावा घुड़सवारी, तीरंदाजी, फोटोग्राफी, योग आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।