रायपुर
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति और वहां आम जनता की बेहतरी के लिए चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों के फलस्वरूप वहां के जनजीवन में काफी बड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार को इन क्षेत्रों में जिस तरह काम करना चाहिए, उसने किया है और अपना दायित्व निभाया है। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार तथा सुरक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों और सभी संबंधित अधिकारियों को बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में डॉ. सिंह ने उन्हें केन्द्र के सहयोग से राज्य शासन द्वारा नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस बात पर संतुष्टि जताई कि नक्सल मोर्चे पर विगत कैलेण्डर वर्ष 2016 छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धियों का वर्ष रहा। उन्होंने मुख्यमंत्री को नक्सल समस्या के उन्मूलन के लिए केन्द्र सरकार की ओर से सहयोग लगातार जारी रखने का आश्वासन दिया। श्री राजनाथ सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्रों में सड़कों का नेटवर्क बढ़ाने के लिए 850 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए पर्याप्त धनराशि राज्य को दी जाएगी। उन्होंने प्रभावित इलाकों में 50 नये पुलिस थानों और 35 नये मोबाइल टावरों की भी तुरंत स्वीकृति देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन्हें मिलाकर वहां की सभी मोबाइल टावरों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र से राज्य को निरंतर अच्छा सहयोग मिल रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और संचार व्यवस्था सहित हर प्रकार की बुनियादी सुविधाएं तेजी से विकसित की जा रही हैं। डॉ. रमन सिंह ने इसके लिए श्री सिंह के प्रति आभार प्रकट किया। डॉ. सिंह ने कहा -राज्य और केन्द्र के सुरक्षा बलों के जवान और अधिकारी नक्सल क्षेत्रों में पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। उनका मनोबल भी बहुत ऊंचा है। मुख्यमंत्री ने नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से लगातार मिल रहे सहयोग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या को काफी गंभीरता से लिया है।
राजनाथ सिंह लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल राज्य को चार नई भारत रक्षित वाहिनियों (आई.आर. बटालियनों) की मंजूरी दी, इसके अलावा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आई.टी.बी.पी.) की पांच अतिरिक्त बटालियनें भी छत्तीसगढ़ को दी गई है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा बस्तर अंचल के स्थानीय युवाओं को रोजगार का अवसर देने के लिए बस्तरिया बटालियन का भी गठन किया गया है और उसमें भर्ती की जा रही है। डीआरजी के 1655 जवानों को पांच बैचों में वारंगटे (मिजोरम) में प्रशिक्षण दिया गया है और 350 जवानों का प्रशिक्षण सत्र अभी चल रहा है। प्रशिक्षण से जवानों का आत्मविश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाइल टावरों की संख्या और क्षमता बढ़ाने पर इन क्षेत्रों में नगदी रहित (कैशलेस) लेन-देन को भी बढ़ावा मिलेगा। नारायणपुर, बीजापुर और कोण्डागांव जिलों में जवाहर नवोदय विद्यालय स्वीकृत किए गए हैं । बस्तर रेंज में विभिन्न बैंकों की 36 नई शाखाएं खोली गई हैं। सौर ऊर्जा कनेक्टिविटी पैकेज के तहत 382 गांवों को सोलर प्रणाली से बिजली दी जा रही है। बस्तर अंचल को रेल मार्ग से जोड़ने के कार्य में तेजी आई है। इसके अलावा 25 नये पोटाकेबिन स्कूल भी स्वीकृत किए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बस्तर संभाग के सुकमा, बस्तर, कांकेर, कोण्डागांव और नारायणपुर जिले के साथ-साथ जिला राजनांदगांव को भी स्पेशल फोकस वाला जिला घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नक्सल क्षेत्रों में केन्द्र के सहयोग से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विकास के काफी कार्य किए गए है और किए जा रहे हैं। इसका असर भी वहां देखा जा रहा है। अंदरूनी क्षेत्रों के हाट बाजारों में लोगों की काफी चहल-पहल होने लगी है। यातायात व्यवस्था भी सुगम हो रही है। बसों का आवागमन लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इन क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए बार-बार टेंडर करने पर भी ठेकेदार सामने नहीं आते थे, लेकिन अब सड़कों के निर्माण के लिए उनमें काफी उत्साह देखा जा रहा है। वहां के लोग नक्सलवाद से मुक्त होना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कामयाबी हमें केन्द्र सरकार की मदद से मिली है। मुझे विश्वास है कि इसी गति से अगर हम काम करते रहे तो विकास कार्यों के जरिए लोगों का दिल जीतकर और सुरक्षा बलों के सहयोग से अगले एक-दो वर्षों में समस्या को पूर्ण रूप से हल किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने प्रभावित इलाकों में सड़कों के निर्माण में सुरक्षा बलों के सहयोग का भी उल्लेख किया। बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, मुख्य सचिव विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एन.बैजेन्द्र कुमार, गृह विभाग के प्रमुख सचिव बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम, पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। विशेष पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने प्रस्तुतिकरण दिया।