कोरबा
इऱफान खाऩ की रिपोर्ट
जिले को मलेरिया जैसे घातक रोग के लिए सवेदनशील जिला माना जाता है और यहाँ हर साल कई मलेरिया पीडित लोगो की जान इसी रोग के कारण चली जाती है ,, इन सबके बावजूद कोरबा स्वास्थ अमला इस जान लेवा बिमारी के प्रति कितना लापरवाह है,, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ मलेरिया जांच के लिए उपयोग में आने वाली माइक्रोस्कोप मशीन करीब १५ दिनों से खराब पड़ी है और मलेरिया पीडित लोग मलेरिया जांच कराने भटकने को मजबूर है मगर जिला अस्पताल प्रबंधन के अनुसार ये कोई बड़ी बात नहीं है !
कोरबा का आई एस ओ मान्यता प्राप्त जिला अस्प्ताल जिसे बेहतर स्वास्थ सुविधा के लिए बेहतर अस्पातल का दर्जा प्राप्त है मगर यहाँ स्वास्थ सुविधाओ का क्या हाल है इसका अंदाजा अस्पताल प्रबंधन के द्वारा चस्पा कि गई इस सूचना से ही लगाया जा सकता है जिसमे प्रबंधन ने माइक्रोस्कोप खराब होने कि दलील देते हुए मलेरिया जांच नही हो पाने कि बात कही है इससे जिला अस्पताल नए वाले मरीजो को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है आलम ये है मुफ्त में होने वाले जांच के लिए मरीजो को भारी फीस निजी संस्थानो को देनी पड़ रही है,,, यही नहीं यहाँ आने वाले मरीजो को ये भी कोई नहीं बता रहा कि आखिर कब तक मशीन दुरुस्त हो सकेगी !
कोरबा जिले में बीते साल भी कई ग्रामीणो कि जान मलेरिया ने ले ली थी इससे निपटने स्वास्थ विभाग ने कई दावे किये थे मगर जिस तरह से स्वास्थ विभाग लापरवाही बारात रहा है उससे तो यही लगता है कि मलेरिया के रोकथाम के प्रति स्वास्थ विभाग गम्भीर नहीं,,, इस विषय में जब हमने जिला अस्प्ताल प्रबंधन से ली तो उन्होंने कहा कि ये कोई बड़ी बात नहीं !
बहरहाल अधिकारी जो भी दलील दे मगर जिस तरह स्वास्थ अमला अनदेखी कर रहा है उससे इसका खामियाजा आम लोगो को ही भुगतना पड़ेगा
कौशल श्रीवास (मरीज )
यहाँ मलेरिया की जांच कराने आए श्री श्रीवास ने बताया कि यंहा जांच के लिए आया था, लेकिन हो नही पा रहा है, साथ ही ज्यादा पैसे देने पड़ रहे है…
भरत पटेल (मरीज)
ऐसे अस्पताल का क्या फायदा , जंहा टेस्ट नहीं हो पा रहा है।
पी एस सिसोदिया ( सिविल सर्जन)
अस्पताल की देखरेख के लिए सबसे जिम्मेदार अधिकारी के मुताबिक मशीन अभी खराब है जिसको बनने के लिए भेजा गया है, ये कोई बड़ी बात नहीं है !