अंबिकापुर
मादक पदार्थ ब्राउन शुगर की बिक्री करने वाली महिला को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट प्रफुल्ल सोनवानी की अदालत ने 10 वर्ष सश्रम कारावास और एक लाख रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास का प्रावधान किया गया है। अदालत ने कहा है कि ब्राउन शुगर से युवा पीढ़ी पर विपरित असर पड़ रहा है इसलिए इस अवैध कारोबार में शामिल आरोपियों को कम सजा देना समाजहित में नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक बीते 25 अप्रैल 2013 को कोतवाली पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि ब्रह्मरोड निवासी आशा पाण्डेय पति राजू पाण्डेय 40 वर्ष द्वारा ब्राउन शुगर की बिक्री की जाती है। अभी भी वह घर के पास ब्राउन शुगर लेकर बैठी है और ग्राहक का इंतजार कर रही है। इस पुख्ता सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस के दल ने मौके पर दबिश दी तो वहां आशा पाण्डेय मिल गई। जब महिला पुलिसकर्मियों ने तलाशी ली तो आरोपी के कब्जे से दस ग्राम ब्राउन शुगर बरामद हुआ। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर 21 बी एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया था। जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट प्रफुल्ल सोनवानी की अदालत ने मामले में अपना फैसला सुनाया। प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी आशा पाण्डेय को एनडीपीएस एक्ट का दोषी पाते हुए दस वर्ष सश्रम कारावास और एक लाख रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपिया को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। अदालत ने कहा कि ब्राउन शुगर से युवाओं पर विपरित असर पड़ रहा है। ऐसे मामलों में आरोपियों को कम सजा से दंडित किया जाना उचित नहीं है।