सूरजपुर..(भैयाथान से प्रकाश दुबे).. जिले के भैयाथान क्षेत्र की नदियों से इन दिनों रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों पर है। प्रशासन की नाक के नीचे से बेख़ौफ़ होकर लोग रेत का उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं। नदियों से रेत का अवैध उत्खन्न करने वाले लोग सभी पर्यावरण संबंधी नियमों को दर किनार कर नदियों के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। सूरजपुर जिले की नदियों से इन दिनों लोग बेखौफ हो कर रेत का अवैध तरीके से उत्खनन करने में लगे हुए हैं।
इनके द्वारा ना तो नियमों का पालन किया जा रहा है और ना ही शासन के द्वारा ना ही रियाल्टी दर निर्धारित नही किया गया है। अगर रियाल्टी दर निर्धारित हो जाती तो शासन को खनिज विभाग के द्वारा आए का एक अतिरिक्त स्रोत मिलता और एक शुल्क अदा कर के रेत का उठाव किया जाता बहरहाल इस दिशा में शासन द्वारा किसी भी प्रकार की पहल नहीं कि जा रही है जिससे बेख़ौफ़ तरीके से आस-पास की नदियों से अवैध रेत का उठाव किया जा रहा है और यहां तक विभाग भी इन पर कार्रवाई करने में कोई रुची नहीं दिखा रहा है। विभागीय अमला के सक्रिय नहीं होने के कारण लोग आसानी से अवैध तरीके से रेत का उत्खन्न कर रहे हैं।
तहसील मुख्यालय भैयाथान में स्थित सभी नदीं में इन दिनों बेखौफ होकर रेत का अवैध उत्खन्न किया जा रहा है. और सुबह होते ही लोग ट्रेक्टर को लेकर नदी में पंहुच जाते हैं और रेत का परिवहन करना शुरू कर देते हैं। बताया जाता है कि आसपास के नदी से अवैध तरीके से रेत निकालने का काम सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बेखौफ होकर किया जाता है। प्रतिदिन नदी से लगभग 30 से 40 ट्रेक्टर रेत का परिवहन किया जाता है।
वही ग्राम पंचायत के द्वारा नदी से रेत निकालने की लीज के लिए आवेदन दिया गया है परंतु आज तक विभाग के द्वारा कोई लीज या अनुमति खनिज विभाग के द्वारा नही दी है और इस नदी से रेत का परिवहन करने के लिए लोगों को रायल्टी भी नही देना पड़ता है और इनको आसानी से रेत मिल रहा है।
जब अवैध रेत उत्खन्न का मामला प्रकाश में आता है या तो शिकायत के बाद विभाग के द्वारा छिट फुट कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर उनसे जुर्माना वूसली कर अपनी खानापूर्ती किया जाता है। और जब एकात दो ट्रैक्टर मिलते है तो उनसे बतौर जुर्माना विभाग के द्वारा पांच से आठ हजार रुपये भी लिए जाते हैं। यह राशि ट्रैक्टर मालिको के लिए बड़ी हो जाती है।अगर प्रशासन के द्वारा लीज प्रदाय कर दिया जाता तो ट्रैक्टर मालिको को जहां राहत मिलती तो वही सरकार को फायदा मिलता।
पिछले दिनों एक ऐसा ही मामला खनिज अधिकारी व राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए भैयाथान एसडीएम ज्योति सिंह के द्वारा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास के लिए एक ट्रैक्टर रेत ले जाया जा रहा था और ट्रैक्टर मालिक के द्वारा यह जानकारी दिया गया कि यह रेत आवास के लिए लेजाया जा रहा और जिसका प्रमाण पत्र सरपंच के द्वारा जारी किया गया था. उस आदेश को भी ठुकराते हुए ट्रैकटर को पुलिस के हवाले करते हुए खनिज विभाग को कार्रवाई के लिए भेज दिया गया था।
लेकिन आज भी लोगों कुछ लोगों द्वारा बेखौफ होकर अवैध उत्खन्न किया जा रहा है। लेकिन ऐसे कारोबारियों पर कार्रवाई करने की हिम्मत न तो राजस्व विभाग कर पा रहा और ना ही खनिज विभाग, जिससे ऐसा लगता है कि रेत कारोबारियों की साठगांठ इन दोनों विभाग में ऊपर से नीचे तक के कर्मचारियों से है.
इस संबंध में भैयाथान एसडीएम ज्योति सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा यह बोला गया कि बिना रायल्टी पत्र के बिना रेत नही ले जा सकते और अवैध तरीके से यदि खनन किया जा रहा है तो उनके ऊपर एकपक्षीय कार्यवाई करूंगी और मैं तत्काल जिला खनिज अधिकारी से बात करूंगी की रायल्टी पत्र नही बाटा गया है या देयक देरी नही हुई होगी तो मैं लीज के लिए पहल करूंगी।
वहीं इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी त्रिवेणी देवांगन से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया.