बांध और नहरो में किसानो के लिए पानी नही … पर निगम को हो रही है सप्लाई

अम्बिकापुर 
  • जब नहरो मे पानी स्पलाई करना ही नही तो फिर मरम्मत क्यो ?
  • चार करोड रुपए खर्च कर कराई गई नहरो की मरम्मत … 
  • लेकिन चांर बूंद पानी को तरस रही है नहरे 
  • मरम्मत होने के बाद भी दम तोड रही है नहरें 
सरगुजा जिले में सिचाई के लिए वर्षो पहले निर्माण किए गए जलाशयो और नहरो की हालत बेहद खराब हैं ,, इनमें से कई नहरो और जलाशयो में तो एक दशक से अधिक समय किसानो को सिचाई के लिए पानी ही नही मिला हैं ,, सरगुजा संभाग मुख्यालय में स्थित बांकि डैम सिर्फ नगर निगम को ही पानी सप्लाई कर रहा हैं ,, किसानो के लिए डैम में पानी ही नही हैं ,, ऐसी स्थिति में किसानो के पास सिचाई के लिए पानी नही हैं और किसान ना तो खरीफ की फसल ले पा रहे हैं और ना ही रबी की ,,,,,,
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 सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में स्थित बांकी जलाशय का निर्माण 1987 में पूरा हुआ था ,, डैम बनने के बाद इसमें लबालब पानी भरा रहता था ,,इस बांध के बनने से 20 गांव के किसान खुशहाल हो गए थे ,, किसानो ने रबी और खरीफ दोनो फसले लेनी शुरु कर दी थी,,,, लेकिन पिछले एक दशक से स्थिति विपरित हो गई हैं ,,,, बांकी डैम में जहां पानी कम हो गया हैं वहीं किसानो को भी विभाग ने पानी देना बंद कर दिया हैं,,,, आलम ये हैं कि डैम के सबसे नजदीकी गांव खैरबार के किसानो को भी सिचाई के लिए पानी नसीब नही हो पा रहा हैं ,,,, पिछले एक दशक से डैम का पानी सिर्फ नगर निगम के लिए सप्लाई किया जा रहा हैं ,,,
बांकी डैम के पानी को लेकर कई  बार किसान और सिचाई विभाग आमने सामने आ चुके हैं ,,, इस बीच ऐसा भी हुआ किसानो ने नगर निगम की पाईप लाईन से पानी चुराना शुरु कर दिया और उन्हे पुलिस की लाठियां भी खानी पङी,,, बांकी डैम के निर्माण से 20 गांव के किसान जो कभी आबाद हो गए थे ,,वहींं आज फिर से बर्बाद की कगार पर पहुंच गए हैं ,, किसानो को लाभ देने के लिए चार वर्ष पुर्व जर्जर हो चुका नहरो ????????????को लगभग चार करोङ की लागत से मरम्मत भी कराया गया,, लेकिन इसके बाद भी किसानो को सिचाई के लिए पानी की एक बूंद भी नही मिली ,,आलम ये हैं कि किसानो के खेत सूखे हुए हैं और रबी खरीफ की फसल तो दूर किसान खुद के खाने के लिए साग सब्जी भी नही उगा पा रहा हैं ,,,
किसानो को पानी देने की मांग के लिए कांग्रेस जिला प्रशासन के सामने कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चकी हैं और पदयात्रा भी निकाली जा चुकी हैं ,,, लेकिन सिचाई विभाग का साफ कहना हैं कि शहर को पेयजल के लिए पानी आपूर्ति करने के बाद सिचाई के लायक पानी नही बचता ,,,ऐसे में किसानो की सिचाई के लिए बनाए गए नहर ना सिर्फ सूखे पङे हैं ,,,,,,, बल्कि इस्तेमाल ना होने की वजह से ये जर्जर भी हो गए हैं ,,,ऐसे में नुकसान सिर्फ किसानो का हो रहा हैं और किसानो के दुखदर्द को सुनने के लिए कोई भी समाने नही आ रहा हैं ,,,,,,