हो रही समस्या:- रखरखाव के अभाव में दम तोड़ रहें निगम के उद्यान
कोरिया (चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट)
नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र में कई उद्यान बना गए है। ये सभी उद्यान रखरखाव के अभाव में उजाडे़ पड़े हुए है। उद्यान में ना तो बच्चो के खेलने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और न ही परिजनो के साथ फुरसत के पल बिताने शांति व स्वच्छ वातावरण है।
भागदौड की जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। बडी मुश्किल से समय निकाल पार्कों में टहलने जाते हैं, पर सरकार की उपेक्षा रख-रखाव के अभाव में पार्क बदहाल हैं। नगर विकास योजना के अंतर्गत चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में आधा दर्जन पार्कों का निर्माण कराया गया है। इन पार्कों की स्थिति यह है कि कहीं झूला टूटा है तो कहीं बडे़ बड़े घास उग आए हैं। कई पार्कों में लगाई गई लाइटें नहीं जलती हैं।
बच्चो के मनोरंज के लिए लगाए गए झुले टुट चुके है। शिव शांति स्थल बी टाईप का उद्यान और आजाद नगर का गांधी उद्यान बनाया गया है। दोनो ही उद्यानों में लाईट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इन उद्यान का एक हिस्सा अंधेरे में डुबा रहता है इसका फयादा असामाजिक तत्व उठाते है।इनके द्वारा सार्वजनिक स्थलो में धुम्रपान भी किया जाता है। ऐसे लोगों के आने से परिवार के साथ लोग पंहुचने से कतराते है।
तीन माह से गांधी उद्यान बन्द
आजाद नगर गोदरी पारा स्थित गांधी उद्यान पिछले तीन माह से बन्द पड़ा हुआ है। उद्यान बंद होने का कारण उद्यान में लाईट ना होना बताया जा रहा है। ऐसे मे यहां के छोटे बच्चे और महिला काफी उदास हैं उद्यान में लाईट ना हो से इस स्थान के लोग मजबूरन रोड़ मे टहला पड़ रहा है।
उद्यान पथवे पर बिजली के खम्भें
आजाद नगर गांधी उद्यान के पथवे पर ही बिजली के टुटे पाईप को एक साल से अधिक हो चुका परन्तु आज तक इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। इसमें भी बच्चों के लिए लगाए गए झूले टूट गए हैं। इस कारण बच्चे इसका आनंद नहीं ले पाते।
तथा इस के दरवाजे पर कूडे़े का अंबार लगा रहता है। चारों ओर गंदगी फैली है। गंदगी के कारण दुर्गंध निकलती रहती है। पार्क में जाना तो दूर यहां से गुजरना मुश्किल होता है।
टूटे झूलों से बच्चों को खतरा
पार्क में लगाया गया घूमने वाला झूला टूटा हुआ है। वहीं स्लाइडिंग झूले में भी बडे़-बड़े छेद पड़े हुए हैं। बच्चे टूटे हुए झूलों के ऊपर भी चढ़ कर खेलते हैं। जिस कारण हादसा होने का खतरा बना रहता है। वहीं लोहे की चैन वाले दो झूलों की हालत भी खस्ता है। बच्चों द्वारा झुला झूलने की जिद्द, माता-पिता से करते हैं। खराब झुले मे चढ़ने नही दिया जाता। इससे बच्चे उदास हो जाते है और बजबूरन लोंगो को उल्ठे पांव उद्यान से बाहर निकलना पड़ता है।
नहीं तैर सके बतख
पांच वर्ष पूर्व षिव शांति स्थल उद्यान मे लाखों खर्च कर बच्चो के मनोरंजन के लिए डक स्वीमिंग पुल का निर्माण कराया गया था। पर आज तक डक स्वीमिंग पर डक तैरते नही देखा जा सका। सथा ही उद्यान मे लगे विभिन्न प्रजातीयो फुलों में अब ना तो फुल खिलते है और न ही उन पर कली आती है।
पार्षद( मोदीलाल दास वार्ड क्रं 33)
साफ सफाई के लिए मैने निगम को लिखित में आवेदन दिये परन्तु सफाई कर्मचारी की कमी के कारण उद्यान मे सफाई नहीं हो पा रहीं है। इस विषय में मैंने महापौर जी से भी कहां था और महापौर जी भी उद्यान कि बदहाली को देख का गये है। आने वाले दिनो में कर्मचारी उपल्बध होने पर उद्यान की सफाई करा दि जायेगी।