अम्बिकापुर सरगुजा कलेक्टर किरण कौशल जिले के दूरस्थ पहुँचविहीन गाँव धवईपानी पहुँची.. यह गांव पहाडियों के ऊपर होने की वजह से वाहनों के लिए पहुँच विहीन है.. लिहाजा गाडी जाने का रास्ता ख़त्म हो जाने के बाद कलेक्टर और उनके साथ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार पैदल ही पहाडियों में चल दिए.. साथ में पूरा प्रशासनिक अमला भी दुर्गम गाँव में पहुचा.. लगभग आधे किलोमीटर की पहाडी को चढ़ने के बाद इस गाँव में कलेक्टर पहुँची और गाँव की स्थित खुद देखीं…
जनपद मुख्यालय उदयपुर से रेहण्ड नदी पार करते हुए लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मरेया ग्राम पंचायत। दूरस्थ ग्रामों में निवासरत ग्रामीणों तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिष्चित करने इसी ग्राम पंचायत के सुदूर पहाड़ी ग्राम धवईपानी के लोगों की जरूरतों को जानने एवं उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देष्य से कलेक्टर किरण कौषल आज अन्य जिलाधिकारियों के साथ पगडण्डी रास्तों से होते हुए पैदल धवईपानी ग्राम पहुंची। यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को उदयपुर से जजगी, केदमा, केसमा होते हुए धवईपानी आना पड़ता है। इसी तरह मैनपाट से धवईपानी आने के लिए लोगों को ललेया, कुकरीघाट से पैदल चलते हुए पहाड़ी पर चढ़ना होता है। कलेक्टर इन रास्तों से होते हुए हाथी प्रभावित ग्राम धवईपानी पहुँची। उन्होंने गांव में चौपाल लगाकर लोगों से उनकी दिनचर्या तथा जीवन-यापन के साधनों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की समझाईष दी।
ग्रामवासी जेठू, रामकुमार, नकूल, शनिराम, सियाराम, फिलमोन तथा विमला, साधेमनी, सुनीता, बसंती, हीरामनी, लाली सहित अन्य लोगों ने चौपाल में बताया कि गांव के नन्हें बच्चों को पहाड़ के नीचे कुडेली ग्राम स्थित आंगनबाड़ी में जाना पड़ता है। इसलिए धवईपानी में ही आंगनबाड़ी भवन की आवष्यकता है। कलेक्टर द्वारा गांव में ही आंगनबाड़ी भवन बनाने की स्वीकृति दी गई तथा ग्रामवासियों ने उत्साहपूर्वक आंगनबाड़ी भवन बनने हेतु स्थल का भी चयन करते हुए भूमिपूजन किया। इस अवसर पर सरपंच मांगे राम सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधि एवं ग्रामवासी उपस्थित थे। इस ग्राम में लगभग 26 परिवार निवासरत हैं तथा जनसंख्या 126 है। कलेक्टर द्वारा धवईपानी तक पहुंचने के लिए लोगों को सड़क की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु केसमा से देवापारा, कांदापारा, महादेवपानी होते हुए धवईपानी तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 10 किलोमीटर सड़क बनाने की स्वीकृति दी गई है।