अम्बिकापुर
अम्बिकापुर पीजी कालेज की छात्र संघ अध्यक्ष मोनिका शुक्ला का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया गया है। पीजी कालेज के प्राचार्य ने ये कारवाही अखिल भारतीय विद्यार्थी की शिकातय पर की गई जांच मे की है। दरअसल निर्वाचित अध्यक्ष पर ये आरोप है कि उन्होने अध्यक्ष पद के लिए भरे गए आवेदन किया था। उसमे गलत जानकारी दी गई थी।
सरगुजा के सबसे बडे पीजी कालेज के छात्र संघ की अध्यक्ष का निर्वाचन आखिरकार शून्य घोषित करने का निर्णय ले ही लिया गया। दरअशल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दो सप्ताह पूर्व ये शिकायत की थी कि शासकीय राजीव गांधी पीजी कालेज मे चुनी गई छात्र संघ अध्यक्ष मोनिका शुक्ला ने कालेज को गलत जानकारी देकर और गुमराह कर छात्र संघ का चुनाव लडा है। जिसके बाद लंबी कारवाही और आर्डिनेंस को खंगाल कर सरगुजा विश्वविद्यालय आखिरकार पीजी कालेज की निर्वाचित अध्यक्ष मोनिका शुक्ला के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया है। जिसमे सरगुजा वि·िाविद्यालय के कुलपति की भी सहमति है।
छात्र संघ चुनाव के आर्डिनेंस के मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव लडने वाले उम्मीदवार को संबधित कालेज के शैक्षणिक सत्र के छात्र या छात्रा होना आवश्यक है। लेकिन मोनिका शुक्ला पिछले वर्ष होली क्रास महाविद्यालय की छात्र थी। जिसके बाद छात्र संघ अध्यक्ष मोनिका शुक्ला का निर्वाचन तो रद्द कर दिया गया है। लेकिन कडे मुकाबले मे चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष पद से हटाए जाने की खबर के बाद मोनिका का कहना है कि वो सही है और मामले को लेकर हाईकोर्ट तक जाएगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार से कडा संघर्ष करने के बाद अध्यक्ष बनने वाली मोनिका इस फैसले को स्वीकार नही कर रही है। लेकिन एबीव्हीपी की शिकायत पर लंबी जांच प्रकिया के बाद उनके निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया गया है। बहरहाल ऐसे मे वो तो न्यायालय की शरण मे जाने की बात कह रही है। लेकिन इस सत्र मे पीजी कालेज के अध्यक्ष का पद खाली ही रहेगा।
डाँ एस.पी.त्रिपाठी, प्राचार्य , पीजी कालेज , अम्बिकापुर
एबीव्हीपी द्वारा मिली शिकायत की जांच कराया गया जिसके बाद मामले की जांच कराई गई और छात्र संघ चुनाव के आर्डिनेंस के नियमो को देखने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति जी के मार्गदर्शन पर कालेज की निर्वाचित अध्यक्ष मोनिका शुक्ला का निर्वाचन शून्य घोषित किया गया है।
मोनिका शुक्ला
एबीव्हीपी ने मेरी छूटी शिकायत की है। मै एकदम सही हूं। अभी तक मेरे को इस संबध मे कोई जानकारी नही मिली है। औऱ अगर ऐसा हुआ तो हम लोग हाई कोर्ट तक जाएेगें।