बालिका के जन्म को लक्ष्मी आगमन के रूप में देखकर उत्सव मनाएं
अम्बिकापुर 16 अक्टूबर 2014
छत्तीसगढ़ में घटते लिंगानुपात को देखते हुए और बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए नोनी सुरक्षा योजना लागू की गई है। प्रदेष की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमषीला साहू ने आज सरगुजा जिले के जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के राजमोहिनी भवन में आयोजित भव्य बालिका महोत्सव में पांच बालिकाओं को पंजीयन प्रमाण-पत्र वितरित कर नोनी सुरक्षा योजना का शुभारंभ किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती साहू ने कहा कि बालिकाओं के जन्म को लक्ष्मी के आगमन के रूप में देखें और उसी के अनुरूप उसका स्वागत कर उत्सव मनाएं। उन्होंने कहा कि घर में बालिका रहने से वहां का वातावरण और अच्छा रहता है तथा बालिका सुख- समृद्धि का प्रतीक होती है। श्रीमती साहू ने कहा कि आज महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हंै तथा कुछ क्षेत्र में तो वे पुरूषों से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के सम्मान हेतु राज्य सरकार द्वारा नोनी सुरक्षा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 1 अप्रैल 2014 के बाद जन्म लेने वाली बालिकाओं को 18 वर्ष तक शादी नहीं करने और 12वीं तक षिक्षा प्राप्त करने पर 1 लाख रूपए की राषि दी जाएगी जिसका उपयोग वे आगे की पढ़ाई करने या कोई व्यवसाय शुरू करने अथवा शादी करने में उसका उपयोग कर सकेंगे। श्रीमती साहू ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे षिक्षा की महत्ता को समझते हुए अपने बच्चों का सही ढंग से लालन-पालन करते हुए उन्हें षिक्षा दिलाएं जिससे आने वाला कल संस्कारवान बन सकेगा। उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत अपने घर से करें, घर सुधरेगा तो गांव सुधरेगा और गांव सुधरेगा तो जिला सुधरेगा अर्थात जिला सुधरेगा तो प्रदेष का सही विकास होगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का बेहतर लाभ जरूरतमदों को पहुंचाएं तथा इस नवीन नोनी सुरक्षा योजना का व्यापक प्रसार-प्रसार भी कराएं। श्रीमती साहू ने बालिका आना कुजूर, अनुष्का,अंषिका गुप्ता, गुडि़या नामदेव और जेसमीन को पंजीयन प्रमाण-पत्र वितरण कर नोनी सुरक्षा योजना का शुभारंभ किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री दिनेष श्रीवास्तव ने बताया कि पहले 1000 बालकों के पीछे 975 बालिकाओं का जन्म होता था, जो अब घटकर 964 बालिका रह गई है। उन्होंने कहा कि इस घटते हुए लिंगानुपात पर राज्य शासन द्वारा गहन चिंतन किया गया तथा समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए 1 अप्रैल 2014 से नोनी सुरक्षा योजना शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ 1 अप्रैल 2014 के बाद जन्म लेने वाली बालिकाओं को ही मिलेगी। इसके लिए बालिका को 12 वीं कक्षा तक पढ़ाना और 18 वर्ष तक शादी नहीं करने पर बाध्यता रहेगी। इस योजना के तहत 1 लाख रूपए की राषि दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए जन्म के तुरंत बाद आवेदन करना होगा तथा विषेष परिस्थितियों में 2 वर्ष तथा माता-पिता की मृत्यु होने पर जन्म के पांच वर्ष तक भी आवेदन किया जा सकेगा। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए सरगुजा जिले में अच्छा कार्य किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक श्री दिलीप वासनीकर ने नोनी सुरक्षा योजना की जानकारी देते हुए इसकी आवष्यकता, उद्देष्य, पात्रता और लाभ के बारे में विस्तार से प्रकाष डाला।
सरगुजा के सांसद श्री कमलभान सिंह ने बेटियों की सही देखभाल और षिक्षा-दीक्षा की आवष्यकता व्यक्त करते हुए माताओं को भविष्य का निर्माता निरूपित किया। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे अपने बच्चों की उचित देखभाल करने के साथ ही षिक्षा भी दिलाएं। श्री सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे रेडी-टू-ईट कार्यक्रम का संचालन बेहतर ढंग से करें। सरगुजा नगर निगम के महापौर श्री प्रबोध मिंज ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भावस्था से लेकर बच्चों के जन्म और उनकी विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले पुरूष प्रधान समाज में महिलाएं पुरूषों से पीछे थीं, लेकिन आज महिलाएं पुरूषों से किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है। लुण्ड्रा के विधायक श्री चिन्तामणी महाराज ने महामाया की नगरी अम्बिकापुर से नोनी सुरक्षा योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भ्रूण हत्या नहीं होने देने तथा बाल-विवाह नहीं कराने की ओर भी लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन, डाॅ. सियाराम साहू, जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में महिलाएं और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। अतः में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री दिलदार सिंह मरावी ने आभार व्यक्त किया।