पटना “आशीष सोनी” विवाह हो या कोई समारोह, तेज शोर-शराबा में किसी को कोई परवाह नहीं, तेज ध्वनी से छात्र-छात्राओं, हार्ट के मरीजों, छोटे बच्चों को कितनी परेषानी होती है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देष के बाद भी पटना थाना क्षेत्र के अंर्तगत किसी भी आयोजन की जानकारी बिना परमिषन के नहीं होना होता पर डीजे या ध्वनी विस्तारक यंत्र का प्रयोग की परमिषन तो क्षेत्र के रखवाले ही देते है,
परीक्षाओं का दौर है रात को निष्चित समय के बाद जहां तेज ध्वनी से होने वाले ध्वनी प्रदूषण को रोकने के कई उपाय किये जाते है, तो वहीं तेज शोर-शराबा थमना तो दूर कोई समझाईष भी नहीं दी जाती। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद शहर में चल रहे शादी-विवाह सहित अन्य समारोह में देर रात तक बैंडबाजों, ध्वनि विस्तारक यंत्रों से परेषानी होती है ऐसे में परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को हलाकान होना पड़ रहा हैं। इन दिनों देर रात तक शोर-शराबे ने विद्यार्थियों को बेचैन कर रखा हैं।
देर रात तक डीजे के ताल के थाप में होती है लडाई
बारात हो या समारोह में होने वाले नाच-गाने से डांस के समय अधिकतर लोग शराब के नषे में होते है, और झगड़ा होने की सम्भावना होती है। वहीं पिकअप में यातायात नियम विरूद्ध भी डीजे लोड करके सड़क पर समारोह में तेज ध्वनि का ईस्तमाल किया जाता है। बहरहाल छोटे से गाँव पटना में देर रात तक डीजे के शोर से लोग हलाकान रहे लेकिन जिम्मेदारों की नींद इस शोर से नहीं खुली.. देखना अब यह है कि प्रषासन व थाने की पुलिस इस मामले में कोई संज्ञान लेते है या बैगेर रोकटोक यह सब ऐसे ही चलता रहेगा।