राजपुर (पूरन देवांगन) शासकीय कार्यो में फर्जीवाड़ा की बातें हमेशा सुनने को मिलती है परंतु फर्जीवाड़ा का यह खेल किसी जीवित व्यक्ति को मृत बताने में लगी है। श्रम विभाग से जानकारी लगने के बाद उस व्यक्ति के होश उड़ गए जब उसे अपना ही मृत्यु प्रमाण पत्र देखने को मिला। वहीँ पंचायत द्वारा इसे फर्जी रूप से तैयार किया गया बताया जा रहा है।फिलहाल जांच के बाद सारे तथ्यों का खुलासा हो पायेगा।
मूलतः खेती का काम करने के साथ साथ हल्के चार चक्के वाहन चलाने का काम करने वाले ग्राम पंचायत जिगड़ी के कोदोडिपा के रहने वाले बेलासराम पिता ईश्वर 40 वर्ष जाती नगेशिया के घर जब श्रम विभाग के कर्मचारी पहुंच कर उसे उसका मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया तो उसका होश उड़ गया।उसने सपने में भी नही सोच था कि जिंदा रहते हुए उसे अपने मरे होने का प्रमाण देखना पड़ेगा।दरअसल बेलासराम ने श्रम विभाग में 22 जुलाई 2016 को मुख्य मजदूर के रूप में अपना पंजीयन कराया था।बेलासराम अपनी पांच एकड़ भूमि में खेती किसानी कर अपने दो बेटियों सहित तीन बेटो एवं अपनी पत्नी के साथ रहकर जीवन यापन करता है।24 फरवरी2017 को उप रजिस्टार जन्म मृत्यु पंजीयक ग्राम पंचायत जिगड़ी (बासेन) द्वारा 15 मार्च 2017 को जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में उसे 24 फरवरी 2017 को मृत्यु होना बताया गया।मामला तब सामने आया जब श्रम विभाग में मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिये ऑनलाइन के माध्यम से मुवावजा हेतु आवेदन डाला गया जिसके बाद विभाग के कर्मचारी जांच हेतु उसके घर पहुंचे।वहीँ ग्राम पंचायत के सचिव कल्लू राम ने बताया कि ग्राम पंचायत ने इस तरह की कोई प्रमाण पत्र जारी नही किया गया है,यह प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाया गया है।अब सवाल ये है कि आखिर कौन है जो इस तरह से फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर मुवावजा प्राप्त करना चाहता था या फिर किसी बड़े फर्जीवाड़ा को अंजाम देना चाहता था।
इस संबंध में सुरेश कुमार,श्रम कल्याण निरीक्षक,बलरामपुर ने कहा की जांच कराई जाएगी,ऑनलाइन के माध्यम से विश्वकर्मा मृत्यु योजना के तहत आवेदन प्राप्त हुआ था,जांच के दौरान पाया गया कि व्यक्ति जीवित है इसलिए आवेदन को निरस्त कर दिया गया है।ऑनलाइन आवेदन किसने किया था इसकी जांच की जा रही है।