अंबिकापुर बतौली क्षेत्र के सुआरपारा में आज जर्जर एन एच 43 का जल्द नवनिर्माण शुरू कराने और जी वी आर कंपनी के कार्य मे लगे मजदूरों, कर्मचारियों, वाहन मालिकों, किराना दुकानदारों सहित अन्य लोगों के लंबित भुगतान की समस्या के जल्द निपटारे के लिए व्यापक चक्का जाम का आयोजन किया गया। इस आंदोलन में भारी भीड़ के साथ क्षेत्र के विधायक अमरजीत भागत उपस्थित रहे.. कई घंटो से प्रशासन आश्वाशन के बीच चकाजाम ख़त्म करने का प्रयास कर रहा है लेकिन प्रशासन से जवाब से असंतुष्ट विधायक सड़क पर ही लेट गए..
दरअसल एन एच 43 का नवनिर्माण वर्षो से लंबित है। अरबों का ठेका प्राप्त कंपनी इस मामले में फिसड्डी साबित हुई है। कंपनी इस समय चौतरफा परेशानियों से घिरी हुई है। सबसे मुख्य समस्या मजदूरी भुगतान सहित अन्य भुगतान की समस्या है । सन 2016 के अक्टूबर महीने में एनएच विभाग ने ठेका प्राप्त कंपनी को सड़क हैंड ओवर की थी। शुरुआती दौर से ही कंपनी लचर कार्यशैली की शिकार रही है । इसी वजह से दुरुस्त सड़क नव निर्माण की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव और विधायक अमरजीत भगत के नेतृत्व में विशाल चक्काजाम का आयोजन किया गया था । इसके बाद ठेका प्राप्त कंपनी के जिम्मेदार लोगों ने दिसंबर माह तक 10 किलोमीटर सड़क बनाने का लिखित में ठोस आश्वासन दिया था। आखिरकार यह आश्वासन सिर्फ चक्काजाम को खत्म करने के लिए ही एक झूठा आश्वासन साबित हुआ साबित हुआ। जिसके परिणाम स्वरुप आज एक बार फिर क्षेत्र के लोगो के साथ विधायक चकाजाम पर बैठे और हर बार की तरह इस बार भी तारीख पर तारीख की तर्ज पर एन एच के अधिकारियों ने फिर एक तारीख देते हुए चकाजाम को समाप्त करवा दिया है.. मौके पर उपस्थित एन एच अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी से रायपुर में फोन पर चर्चा की जिसपर उन्होंने निर्माण कार्य 15 मार्च से शुरू किये जाने का आश्वासन दिया.. जिसके बाद चकाजाम समाप्त हो सका.. बहरहाल देखना यह है की हर बार मिली तारीखों की तरह ही यह तारिख भी कोरा आश्वाशन साबित होगी या फिर वाकई में अब यह सड़क बन पायेगी.. इसके अलावा भी निर्माण कार्य में लगी ठेका कंपनी लोगो का पैसा लेकर भाग गई है और आन्दोलन स्थल पर लोग बकाया राशी की पूरी लिस्ट लेकर लोग बैठे हुए है..
एसडीएम को कहा एन एच का दलाल
चकाजाम के बीच जहां प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच अच्छा तालमेल देखा जा रहा था वही बीच में युवक कांग्रेस कार्यकर्ता दीपक मिश्रा ने एसडीएम् को एन एच का दलाल कह दिया जिससे नाराज एसडीएम् एक किनारे कुर्सी पर जाकर बैठ गए.. बहरहाल लोकतंत्र में विरोध करने का अपना एक तरीका और अधिकार है लेकिन किसी पर व्यक्ति गत टिप्पणी करते हुए आक्षेप लगाना सही नहीं.. बहरहाल क़ानून व्यवस्था बनाने में मुस्तैद एसडीएम को आज अपमान जनक टिप्पणी का सामना करना पडा