अम्बिकापुर
सोसल नेटवर्किंग साईट और इंटरनेट के माध्यम से जहां एक ओर नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई है। वही चुनाव मे दोनो प्रमुख दलो के दावेदार अपनी अपनी अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए पार्टी के संविधान के विपरीत काम करने लगे है। वैसे तो दोनो दलो मे अब तक पार्टी संविधान के अनुसार आवेदन प्रस्तुत कर दावेदारी पेश की जाती रही है। लेकिन इस बार अम्बिकापुर के विभिन्न राजनैतिक दलों के टिकट दावेदार त्यौहारो की आङ में फ्लैक्स और होर्डिंग के माध्यम से अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के साथ अपने जनाधार को टटोलने का प्रयास कर रहे है। लेकिन हैरानी की बात है कि दोनो पार्टी के जिम्मेदार नेता इसे इसे हाईटेक प्रचार प्रसार बता कर टिकट बंटवारे के बाद होने वाले अंतर कलह से अंजान बनने का प्रयास कर रहे है।
पार्टी के भीतर अनुसाशंन का राग अलापने वाली भाजपा और इस बार एकजुटता का माला जपने वाली कांग्रेस के नेता इन दिनों फ्लैक्स और होर्डिंग की राजनीति में जुटी हुए हैं नगर के हर वार्डों में दोनों ही दलों के प्रत्याशी अपनी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं । लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध मे टिकट की दावेदारी का तरीका भी बदल गया है। पहले नगरीय निकाय चुनाव मे जंहा पार्टियां जनाधार वाले नेता का वार्ड चुनाव के लिए चयन करती थी। वंही इस बार टिकट बंटवारे के पहले मचे होर्डिंग वार को देखकर ये कयास लगाए जाने लगे है कि शायद इस बार दोनो ही प्रमुख दल होर्डिंग की संख्या गिन कर दावेदारो के वजन को टटोलेगा।
आलम ये है कि अम्बिकापुर नगर पालिक निगम के 48 वार्डो से लिए होने वाले चुनाव के ज्यादात वार्डो मे टिकट के दावेदार तीज त्यौहारो के आड मे होर्डिंग के माध्यम से अपना प्रचार प्रसार शुरु कर चुके है। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे है कि टिकट वितरण के पूर्व ही प्रत्याशीयों की दावेदारी टिकट वितरण के बाद पार्टी के भीतर अंतर्कलह का कारण बन सकती हैं । क्योकि टिकट बंटवारे के पहले ही दोनो दलो के नेता ने वार्डो मे अपने अपने हिसाब से चुनाव खर्च शुरु कर दिया है। जिसमे सबसे ज्यादा रुपया होर्डिंग्स मे खर्च किया जा रहा है। और जो दावेदार अभी से प्रत्याशी बनने की चाह मे रुपए खर्च कर रहा है। वो टिकट ना मिलने की सूरत मे पार्टी के असल उम्मीदवार के भीतरघाती साबित हो जाए… तो कोई बडी बात नही है।
वहीं इस मसले मे हमने भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलो के नेताओ की राय जानने की कोशिश की तो उन्होने भविष्य के लिए जारी इस भीतरघाती योजना को प्रचार प्रसार हाईटेक तरीका बताया। वहीं पार्टी के कुछ बङे नेताओं की माने तो सभी को अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने का हक हैं और लोग होर्डिंग लगाकर लोगों को शुभकामनाएं दे रहे हैं और अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं और प्रचार के लिए होर्डिंग्स और फ्लैक्स को सही जरिया बताते हुए अंतर कलह की बात से भी पलडा छाड लिया। बहरहाल चुनावीं मौसम में होर्डिंग्स वार के माध्यम से हो रही प्रत्याशियों की दावेदारी कही भविष्य मे दोनो दलो में अंतर्कलह का कारण ना बन जाए ।