सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की पारंपरिक लोक कला, लोकगीत, लोक गायन, लोक नृत्य, पंथी नृत्य,पंडवानी, भरथरी अनुसूचित जाति के लोगो के पारम्परिक लोक वाद्य आदि कलाकारों की प्रतिभा की पहचान करने एवं पुरस्कृत करने हेतु 18 दिसंबर2013 से 31 दिसंबर 2013 के बीच आयोजित होने वाले गुरूघासीदास लोक कला महोत्सव वर्ष 2013 के लिये 19 दिसंबर 2013 को सायं 5 बजे तक कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग में प्रविष्टयां जमा कर सकतें हैं। राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार 75 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार 50 हजार रूपये है।
गुरूघासीदास लोक कला महोत्सव पुरस्कार के प्रविष्टयों के लिये लोक कला दल का पूर्ण विवरण होना चाहिये। अनुसूचित जाति वर्ग में अपनी पारम्परिक कला के माध्यम से चेतना जागृत करने तथा सामाजिक उत्थान के लिये उसके द्वारा किये कार्यो व प्रयासों की विस्तृत जानकारी होना चाहिये। यदि कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त किया गया हो तो उसकी जानकारी एवं प्रविष्टकर्ता के उसके उत्कृष्ट कार्य के विषय में कोई लेख प्रकाशित हुआ हो तो उसके विवरण की प्रतियां। सामाजिक चेतना जागृत करने तथा सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में उनके कार्य के संबंध में कोई प्रख्यात व्यक्ति अथवा पत्र-पत्रिकाओं द्वारा टिप्पणी की गयी हो तो उसकी प्रति और अन्य कोई जानकारी जो प्रविष्टयांकर्ता देना चाहे।
जिले में प्राप्त प्रविष्ट में से राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा में शामिल करने के लिये जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्रविष्टयांे का परीक्षण कर अथवा जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कराकर दो प्रविष्ट भेजी जायेगी। यदि किसी प्रविष्ट के चयन के लिये जिला स्तर पर प्राप्त प्रविष्टकर्ता के बीच प्रतिस्पर्धा कराने का निर्णय लिया जाता है तो संबंधित प्रविष्टकर्ता दलों को जिला स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिये आने-जाने एवं अन्य व्यय स्वयं करना होगा। राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा 18 दिसंबर से 31 दिसंबर 2013 तक आयोजित की जायेगी। शासन द्वारा गठित निर्णायक मंडल द्वारा 3सर्वश्रेष्ठ दल का चयन किया जायेगा। राज्य स्तरीय में शामिल सभी दलों में से पुरस्कार के लिये चयनित तीन दलों को छोड़कर शेष अन्य को प्रोत्साहन पुरस्कार दिये जायेंगे।