कोरबा
कोल इंडिया में कार्यरत पांचो केन्द्रीय श्रमिक सगठन मंगलवार से पांच दिवसीय हडताल पर चले गये है। लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडी है । श्रमिक सगठन दस सूत्रीय मांगो का निराकरण करने की मांग कर रहे हैं । हडताल पर कोरबा के एस ई सी एल द्वारा संचालित कोयला खदानों के 69 हजार से अधिक कर्मचारी हडताल में शामिल वही 3 लाख38 हजार 277 कोल इंडिया के कर्मचारी हडताल में शामिल हैं । केंद्र सरकार ने एकतरफा निर्णय लेते हुये लोकसभा में कोल बिल पारित किया..विनिवेश ,कोल बिल का विरोध,निजीकरण, कोल इंडिया का पुनर्गठन का विरोध श्रमिक सगठन कर रहे हैं । कोरबा में एस ई सी एल द्वारा संचालित गेवरा, दीपका, कुसमुंडा ,मानिकपुर और रजगामार कोयला खदानो में सुबह से ही बडी संख्या में कर्मचारी एक जुट हो कर गांधीगिरि करते हुये मानिकपुर के सेंट्रेल वर्क शॉप के सामने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की और संधबुद्धि के लिये भजन पाठ किया.. केंद्र सरकार 10 प्रतिशत विनिवेश करने के बाद इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की कोशिश की जा रही हैं । कोल बिल के माध्यम से निजी कंपनियों को बाजार मे कोयला बेचने की छूट दी जा रही हैं । गौरतलब है कि कोरबा में संचालित विधुत संयंत्रो में केवल दो दिन का कोयल शेष हैं..डी एस पी एम संयंत्र में 22 दिनो का कोयले का स्टॉक शेष हैं..यदि हडताल पांच दिनो तक जारी रही तो देश और प्रदेश की विधुत संयंत्र ठप पड सकते हैं और पूरे देश में बैंक ऑॅउट हो सकता हैं..कोरबा से ही प्रतिदिन 2 लाख टन कोयले का उत्पादन होता हैं ।