सूरजपूर (बिट्टू सिंह राजपूत) जिले के प्रतापपुर वनपरिक्षेत्र के वन डोमहत बीट मे 18 सदस्यीय हाथियों के दल से बिछड़ एक मादा हाथी कुए मे गिर गई थी, और लगभग 48 घंटे से अधिक समय तक रेस्क्यू कर इस हथिनी को बाहर निकाला गया था .. आपरेशन के दौरान वन विभाग ने हथिनी को पद्मावती का नाम भी दे दिया था.. लेकिन आज शुक्रवार की दोपहर करीब ३ बजे पद्मावती की मौत हो गई..
इस सम्बन्ध में सेंचुरी के डीऍफ़ओ ने बताया था की पद्मावती को बाहर निकालने के बाद उसका इलाज किया जा रहा है.. और पिछले दोनों पैरो में अधिक चोट होने की वजह से पिछ्ला हिस्सा हरकत नहीं कर रहा था लेकिन इलाज के बाद पद्मावती की हालत में सुधार दिख रहा था..और विभाग को पद्मावती के ठीक हो जाने की पूरी उम्मीद थी.. लेकिन आज वन विभाग की उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब पद्मावती ने अंतिम साँसे ली और दुनिया को अलविदा कह दिया.. हालाकी यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है .. वन विभाग के अधिकारीयो के सेंचुरी क्षेत्र में होने की वजह से किसी से भी संपर्क नहीं हो सका है…