- प्रसव संगी योजना से प्रसूता को मिलेगा मानसिक स्पोर्ट
अम्बिकापुर (दीपक सराठे)
प्रसव के समय आॅपरेशन थ्रियटर में प्रसूताओं को सहने वाले दर्द व उस दौरान किसी अपने का सहारा उसके लिए इस परिस्थिति से निपटने के लिए बहुत ही जरूरी होता है। प्रसुताओं के इस दर्द को समझते हुये अब प्रसव संगी योजना न सिर्फ पूरे छत्तीसगढ़ में प्रारंभ की गई है, बल्कि इसका क्रियान्वयन स्थानीय रघुनाथ जिला अस्पताल में प्रारंभ भी कर दिया गया है।
पूरे सरगुजा संभाग में इस योजना के बेहतर रूप से क्रियांन्वयन के लिए दो-तीन दिन पहले स्वास्थ्य संचालक सुरेन्द्र पामभोई ने संभाग के सभी चिकित्सकों व स्टाफ नर्सो की भी एक बैठक ली थी। बैठक में सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को अपने-अपने जिले में प्रसव संगी योजना को बेहतर तरीके से लागू करने की बात उन्होने कही। ज्वाइंट डारेक्टर श्री पामभोई ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस योजना बल्कि जरूरत को वर्ष 2002 से स्वीकार कर लिया है। यहां अब इस योजना का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में प्रारंभ किया गया है।
प्रसव संगी योजना के जरिये अब प्रसव पीडि़त महिला के साथ आॅपरेशन थ्रियटर में उसका कोई भी विवाहित महिला रिश्तेदार रह सकेगा। महिला रिश्तेदार को संक्रमण से बचाने व उसके संक्रमण से प्रसुता को बचाने उसे अस्पताल से ही कपड़े मिलेंगे। मास्क व अन्य संसाधनों के जरिये ही महिला विवाहिता रिश्तेदार को अंदर प्रवेश दिया जायेगा। इस योजना के रूप में जजकी कराओं अपने सखी के साथ को स्लोगन के रूप में लिया गया है। श्री पामभोई ने इसका उदेश्य बताते हुये कहा कि प्रसव की स्थिति किसी भी महिला के लिए तकलीफ दायक होती है। इस दर्द के समय अगर उसका कोई अपना होगा तो प्रसूता को न सिर्फ मानसिक स्पोर्ट मिल सकेगा बल्कि प्रसव के समय परिवार के सदस्य की सहभागिता भी होगी। संभाग में यह योजना अब प्रारंभ कर दी गई है।