वन चौकीदार सहित पत्नी और पिता पर तस्करों ने किया जानलेवा हमला..!

बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिले में लकड़ी तस्करो ने एक बार फिर वन विभाग के चौकीदार पर निशाना साधते हुए चौकीदार के घर में घुस कर मारपीट की, वही बीच बचाव करने आये चौकीदार के पिता और उसकी पत्नी तक को नही बक्शा।  किसी तरह से चौकीदार ने अपने साथ हुई मारपीट की घटना से डिप्टी रेंजर को अवगत कराया,तथा यह खबर आग की तरह फैल गई,घायलो को लेने के लिए रेंजर आर एस श्रीवास्तव ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कर गाँव भेजा,जिसके बाद घायलो को जिला अस्पताल लाया गया,और पुलिस को मामले की जानकारी दी गई।

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फारेस्ट के चौकीदार पर,कुल्हाड़ी से हमला…

दरसल सेंदुर गाँव के  30 वर्षीय अरविंद सिंह का कसूर सिर्फ इतना ही था,की वह बलरामपुर वन परिक्षेत्र के जवराही बिट में चौकीदार के पद पर पदस्थ है,और अरविंद ने आज ही जवराही बिट के कक्ष क्रमांक पी 3367 में गांव के महेन्द्र यादव को पेड़ो की अवैध कटाई करते देख मामले की जानकारी क्षेत्र के बिट गार्ड प्रह्लाद तिवारी को दी थी,तथा इसी बात से नाराज महेंद्र यादव और उसके परिजनों ने मंगलवार की शाम सात बजे  कुल्हाड़ी और डंडे से लैस होकर अरविंद के घर मे धावा बोल दिया,इतना ही नही आरोपियों ने अरविंद के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया,बीच  बचाव करने आये अरविंद की पत्नी पतरकली,और उसके पिता कौलेश्वर को बुरी तरह से घसीट कर पीटा।

रात में अस्पताल पहुँच गया था,वन अमला..

चौकीदार के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद वन अमला सकते में आ गया ,बलरामपुर रेंजर आर एस श्रीवास्तव, डिप्टी रेंजर उमेश प्रजापति,मुनेश्वर मास्कोले,रमेश तिवारी,प्रहलाद तिवारी जिला अस्पताल पहुँचे, और मामले की सूचना पुलिस को दी।वही सूचना मिलते ही पुलिस अमला भी सक्रिय हो गया,बलरामपुर थाने के नाईट आफिसर एस के सिह अस्पताल पहुँचे ।पुलिस की माने तो पुलिस डाक्टरी मुलाहिजा की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस शून्य में मामला दर्ज केस डायरी घटना स्थल ग्राम सेंदुर के थाना क्षेत्र रामानुजगंज भेज दी जायेगी।

लो वोल्टेज के चलते नही हुआ -एक्सरे..

जिला चिकित्सालय पहुँचे घायलो का रात में ही एक्सरे कराया जाना था, ताकि पुलिस फौरी तौर पर आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर सके ,लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर एके जायसवाल ने लो वोल्टेज की समस्या बताई ,इन पंक्तियों के लिखे जाने तक घायलो का एक्स रे नही हो पाया था,वही डाक्टरी ओपिनियन के चलते पुलिस मामला दर्ज नही कर पा रही थी,जिसके बाद वनकर्मियों ने मोर्चा सम्भालते हुए डॉक्टर एके जायसवाल से डाक्टरी ओपिनियन के लिए कई बार मिन्नते की तब कहि जाकर डॉक्टर साहब ने डाक्टरी ओपिनियन दिया।