जांजगीर-चांपा: जिला स्तरीय युवा महोत्सव मात्र औपचारिक कार्यक्रम ही बनकर रह गया है। जिला प्रशासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित युवा महोत्सव के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था देखने को मिला। शहर के कचहरी चौक स्थित मैदान में जहां कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वहां ना तो कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते दिखे। ना ही वहां अन्य जिम्मेदार कर्मचारी नजर आये। कार्यक्रम के निर्णायक मंडल बनाए गए लोगों को ना तो विभाग द्वारा पहले से सूचना दी गई, न हीं किसी प्रकार की लोगों को कार्यक्रम के बारे में बताया गया। किसी अन्य लोगों की सूचना पर निर्णायक मंडल कार्यक्रम स्थल में पहुंचे। तब जाकर उनको पता चला कि इस कार्यक्रम के लिए उन्हें निर्णायक बनाया गया है।
यहां तक जानकारी यह भी आ रही है कि जिस लोगों को कार्यक्रम के लिए निर्णायक मंडल में रखा गया था। वह कार्यक्रम के बारे में ना तो किसी प्रकार की जानकारी रखते हैं न हीं वह उस कला में पारंगत है। अधिकारियों को भी कार्यक्रम में निर्णायक बनाया गया है, प्रतियोगिता में भाग ले रहे बच्चों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा। सरकार द्वारा युवाओं को प्रोत्साहन दिलाने के लिए आयोजन किया जा रहा है लेकिन यहां के अधिकारी पलीता लगाते दिख रहे है। सरकार द्वारा भारी-भरकम फंड आने के बावजूद जिला प्रशासन एवं खेल युवा कल्याण विभाग सिर्फ अपनी औपचारिकता पूर्ति करते हुए कार्यक्रम को कराने में ही अपना जिम्मेदारी समझ रहे है।
शहर में कार्यक्रम का आयोजन दो जगहों पर रखा गया है। इसी तरह डाइट परिसर के कार्यक्रम आयोजन ना तो समय में शुरू करा पाए, न हीं व्यवस्था बना पाए। घंटों बैठे प्रतियोगिता में भाग लेने आए बच्चे पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहे। वहीं मंच संचालन से लेकर निर्णायक मंडल में शामिल होने आए लोग जानकारी आभाव में इधर-उधर पूछते नजर आए। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी से लेकर एसडीएम, तहसीलदार किसी को कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होना बताया जा रहा है। वही कार्यक्रम आयोजक से लेकर नोडल अधिकारी कारण कार्यक्रम की रूपरेखा बताने में असफल नजर आए। किसी तरह कार्यक्रम को कराने में जिला प्रशासन एवं खेल युवा कल्याण विभाग तो सफल हो गये। अब सरकार की मंशा के अनुरूप अब लोगों की नजर में यह सिर्फ औपचारिकता ही रह गया है।