जबलपुर. बीते 23 नवंबर की रात जबलपुर के गोसलपुर स्थित बुढ़ागर में ऋषि ढाबा के संचालक ऋषि असाटी को रावण गैंग के सरगना रावण ने गोली मार दी. दरअसल रावण उर्फ ऋषभ शर्मा अपने एक साथी आशीष काछी के साथ ढाबा के संचालक ऋषि असाटी को रंगदारी के 2 लाख रूपयों के लिए धमकाने गया था. इस दौरान ऋषभ और आशीष ने पिस्टल निकालकर ऋषि पर तान दी, लेकिन ऋषि शोर मचाने लगा जिससे आरोपी दहशत में आ गए और उन्होंने ऋषि के सिर में गोली मार दी.
हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों वहां से भाग निकले. गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास रहने वाले लोग बाहर निकले और किसी तरह ऋषि को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं दूसरी तरफ रावण उर्फ ऋषभ आशीष के साथ महाराजपुर बाइपास पहुंचा. वहां अपनी बाइक झाड़ियों में छिपाकर दोनों अपने तीसरे साथी अंचल नामदेव के साथ स्कूटी में बैठकर स्टेशन पहुंचे, जहां से दोनों ने शहर छोड़ दिया. पहले दोनों प्रयागराज पहुंचे जहां एक दिन रूकने के बाद दिल्ली पहुंच गए.
करीब 10 दिन वहां रूकने के बाद दोनों 3 दिन पहले इंदौर पहुंचे थे, जहां हथियारों की तस्करी करने के दौरान इंदौर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. दोनों के पुराने रिकॉर्ड खंगालने के दौरान जबलपुर पुलिस से दोनों की जानकारी मिल गई. पिछले दिनों पुलिस ने इस मामले में अंचल नामदेव को गिरफ्तार किया था, जिसने वारदात के तरीके और रावण की पूरी कहानी बयान की थी.
आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 22 साल के ऋषभ पर पूर्व में हथियारों की तस्करी का मामला दर्ज है. संपन्न परिवार से होने के बावजूद वह डॉन बनना चाहता था, इसके लिए उसने पूरी गैंग बनाने की योजना बनाई थी. रावण उर्फ ऋषभ की एक गर्लफ्रेंड भी है जिसका नाम उसने मंदोदरी रखा है. हालांकि पुलिस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है और प्रयास किया जा रहा है कि उसके इस अपराध के लिए उसे लंबे समय तक जेल में बंद रखा जाए जिससे वह और अपराध न कर सके.