Chhattisgarh News: ट्रैफिक पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट की उड़ाई धज्जियाँ, गलतियों का एहसास हुआ तो मांगी माफ़ी; दर्जनभर बच्चो के गाड़ियों को किया वापस

जांजगीर-चांपा: नगर के नाबालिग वाहन चालकों की धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें कानून के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। नियम के मुताबिक, नाबालिगों की पहचान उजागर नहीं करना है लेकिन कानून के नियमों का पालन करने वाले खुद कानून तोड़ते नजर आए। इस पूरे मामले को लेकर अभिभावकों ने बुधवार की रात यातायात शाखा पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद यातायात प्रभारी लोगों को मनाने जुटे रहे लेकिन अभिभावक नहीं माने। काफी देर बाद एसडीओपी चांपा लीलाशंकर कश्यप मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाइश देने की कोशिश करते रहे। रात 9 बजे तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। इसके बाद अभिभावक शांत हुए फिर बाइक चालकों की चाबी देकर माहौल शांत कराया गया।

दरअसल, यातायात शाखा द्वारा 22-23 नवंबर की सुबह से देर रात दो निरीक्षकों की यातायात शाखा ने नगर में पांच स्थानों पर पाइंट बनाकर नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी। इम जगहों पर ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों, नगर सैनिकों और कुछ गैर सफेद वर्दीधारी कर्मचारियों द्वारा दिन भर उत्पात मचाया। पुलिस की माने तो 25 से 30 नाबालिगों के विरुद्ध एमवी एक्ट की कारवाई कर पचास हजार वसूले गए, पर पांच स्थानों पर सुबह से रात तक चले अभियान में प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक सौ पचास से ज्यादा पाहन रोके गए थे। बड़ा सवाल यह है कि क्या नाबालिगों के वाहनों की चाबी छीनकर उसे खाकी वर्दीधारियों द्वारा बाइक में बिठाकर थाने तक लाया जा सकता है। जबकि कानून की माने तो नाबालिगों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं की जानी है।

बाइक चाबियां छीनी और फोटो खीचें

ट्रैफिक के कर्मचारियों ने अपने अधिकारियों के संरक्षण और आदेश पर मोटरव्हीकल एक्ट की कार्रवाई करने नाबालिग बच्चों पर कहर बरपा दिया। पहले तो नाबालिगों के बाइक की चाबियां छीनी और उनके वाहन को पुलिस थाने में जमा किया। हद तो तब हो गई जब बच्चों को पैदल घर जाने को मजबूर किया। इतना ही नहीं कई वर्दीधारियों ने नाबालिगों को अपनी बाइक में बिठाकर थाने तक लाया और उनके अभिभावकों को थाने में बुलाया गया।

नाबालिगों के नाम काटे 2 हजार के चालान

यातायात पुलिस ने नाबालिगों के नाम से ही चालान काट दिए। जबकि प्रावधान में यह है ही नहीं। नियम के मुताबिक नाबालिगों के अभिभावकों के नाम से चालान काटने का नियम है। प्रावधान में यह भी है कि किसी भी सूरत में नाबलिगों की पहचान सार्वजनिक नहीं करना है लेकिन पुलिस ने यहां बड़ी चूक की है। बच्चों का नाम फोटो के अलावा कार्रवाई की पूरी वीडिय़ो फोटो बनाकर सार्वजनिक भी किया है। जो पूरी तरह से गलत है।

हर बैठकों में सिखाया जाता है पाठ

कोर्ट के जानकारों द्वारा अक्सर इस मसले को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। जिसमें यह कहा जाता है कि नाबालिगों से संबंधित किसी भी सूचना को सार्वजनिक नहीं करना है। लेकिन पुलिस ने यहां बड़ी चूक करते हुए न केवल उन्हें खाकी का रौब दिखाते हुए उन्हें मानसिक तौर पर टार्चर किया है। जिसक चलते अभिभावकों में पीड़ा देखी गई।