जिले में धान खरीदी का लक्ष्य 8 लाख टन… चार नये बने खरीदी केन्द्र, जिले अब 209 खरीदी केन्द्र.. लेकिन किसान अभी भी संशय में.. गंगाजल और शंखपुष्पी भेंट करेंगे कांग्रेस नेताओं को बीजेपी…

जांजगीर चांपा। जिले मे धान खरीदी को लेकर जिला विपणन अधिकारी सुनील कुमार राजपुत का कहना है कि जिले में 8 लाख टन खरीदी का लक्ष्य रखा गया हैं। जिसमें 4 नये खरीदी केन्द्र बनाये गये है। टुन्ट्री, अमोरा, नवापाराकला, मंजोरा नये खरीदी केन्द्र होगे। जिले कुल 209 खरीदी केन्द्र है, जहां साफ सफाई, बरदाने को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। लेकिन छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर संकट मंडरा रहा है, छत्तीसगढ़ सरकार के किसानों को धान का बोनस देने और 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदे जाने के विरोध में केन्द्र ने राज्य से चावल लेने से मना कर दिया है, केन्द्र के इस निर्णय के बाद कांग्रेस ने केंद्र को नसीहत दी है कि वह धमकाए नहीं, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि क्या केंद्र से पूछकर राज्य सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था, मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होना था लेकिन इसी विवाद के कारण 1 दिसंबर से सरकार धान खरीदने की बात कह रही है। वही पार्टी के मंत्रीयो द्वारा किसानो को धान 2500 रूपये मे खरीदने का दावा किया जा रहा हैं.

सरकार ने तय किया था ये लक्ष्य…

बता दें कि राज्य सरकार ने इस बार 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. बताया गया है कि पिछले साल तक केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ से अरवा और उसना चावल मिलाकर 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही थी, जिसे राज्य सरकार 32 लाख टन करने की मांग कर रही थी, लेकिन केन्द्र सरकार ने खरीदी का कोटा बढ़ाने की बजाय खरीदी पर ही रोक लगा दी है. छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. इसमें धान खरीदी के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय करना अगर केंद्र के लिए संभव न हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर खरीदी के लिए केंद्र सरकार से सहमति देने का अनुरोध किया गया था. विकेंद्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के तहत यह सहमति देने की गुजारिश की गई थी।

केंद्र सरकार ने की ये बात..

वहीं धान खरीदी शुरू होने से पहले ही केन्द्र ने चिट्ठी लिखकर कहा है, कि यदि राज्य सरकार इसी तरह किसानों को बोनस देगी तो वो धान नहीं खरीदेगी. इस पत्र ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि राज्य में लगभग 38 लाख मीट्रिक टन धान की खपत होती है. इससे ऊपर खरीदी जाने वाली लगभग 49 लाख मीट्रिक टन धान का सरकार क्या करेगी. इसे लेकर चिंता बढ़ गई है.् इससे अरवा और उसना मिलाककर लगभग 34 लाख मीट्रिक टन चावल बनेगा. अब अगर केन्द्र सरकार इसे नहीं लेगी तो फिर इस चावल का वह क्या करेगी, ये एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

गंगाजल और शंखपुष्पी भेंट करेंगे कांग्रेस नेताओं को बीजेपी..

जिला महामंत्री प्रशांत सिंह ठाकुर का कहना है कि धान खरीदी के मुद्दे पर अपने घोषित वायदे से भाग रही प्रदेश की किसान विरोधी कांग्रेस सरकार द्वारा नित.नए प्रपंच रचे जा रहे हैं। पहले तो गंगाजल लेकर किसानों का एक एक दाना धान खरीदने की बात कही गयी और अब जनता को बरगलाते हुए इस विषय पर अपनी असफलता का ठीकरा केंद्र सरकार के ऊपर डाल रही है। अपनी नाकामियों को छिपाने कांग्रेस संगठन द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशन में पहले हस्ताक्षर अभियान और अब सांसद निवास घेरने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। भाजपा जिला महामंत्री प्रशांत सिंह ठाकुर ने कहा घेराव करने वाले कांग्रेस के नेताओं को गंगाजल और स्मरण शक्ति बढ़ाने शंखपुष्पी भेंट किया जाएगा। .