कांग्रेसी प्रत्याशियों को जिताने विधायक ने झोंकी ताकत…तो बीजेपी को सरकार पर भरोसा…!

@संजय यादव
जांजगीर चांपा। जांजगीर नैला नगर पालिका चुनाव इस बार दिलचस्प नजर आ रहा है. जिले में कांग्रेसी विधायकों का जलवा देखने को मिल रहा है. अपनी पूरी ताकत के साथ अपने पार्टी के अध्यक्ष एवं पार्षदों को जिताने में एड़ी चोटी एक कर दे रहे हैं।विधायक की रैली में 200 से 300 की संख्या प्रत्येक वार्ड में देखी जा रही है। लेकिन दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं पार्षद अपने स्वयं के बलबूते पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके साथ कोई बड़ा नेता का जोर नहीं दिखाई दे रहा है. बीजेपी के नेता अध्यक्ष के साथ रैली में नहीं दिख रहे हैं. न ही अपने पार्षदों के समर्थन में वार्ड में उतर रहे हैं. बीजेपी को अपनी सरकार पर भरोसा है, तो कांग्रेस को अपने विधायक पर विश्वास है। हालांकि इस बार मुकाबला कड़ा दिखाई दे रहा है. दोनों पार्टी की मजबूती अपने-अपने स्तर पर दिखाई दे रहा है. प्रचार प्रसार में बीजेपी आगे चल रही है, तो कांग्रेस अंदरुनी जनसंपर्क में तेज है. प्रचार प्रसार के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष का जोर थोड़ा फीका दिखाई दे रहा है. शहर के मुख्य चौक चौराहों एवं रोड में सिर्फ बीजेपी के फ्लेक्सी, बैनर नजर आ रहे हैं अध्यक्ष का बोर्ड,फ्लेक्सी नदारत दिखाई दे रहा है. हालांकि दोनों प्रत्याशी मजबूत है. अपने-अपने व्यवहार एवं अपने ताकत के चलते लोगो पर पकड़ बनाए हुए।

जांजगीर नैला नगर पालिका में इस बार बीजेपी कांग्रेस के अलावा बीएसपी ने भी इस बार अपना प्रत्याशी अध्यक्ष पद के लिए उतारा है. इसलिए यह मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है. हालांकि बसपा का अपने वोट बैंक पर ही भरोसा है. बाकी प्रचार प्रसार बीएसपी कही नहीं दिखाएं नहीं दे रहा है।

कांग्रेस पार्टी की बात करें तो जांजगीर चांपा के कांग्रेसी विधायक व्यास कश्यप अपने शहर के सभी वार्डों में घूम-घूम कर जनसंपर्क कर रहे हैं. लेकिन दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष को अकेले पार्षद के साथ जनसंपर्क करना पड़ रहा है. बड़े नेता की कमी खल रही है. हालांकि दोनों मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं. अभी किसी के पक्ष में एक तरफा माहौल नहीं दिखाई दे रहा. लेकिन कांग्रेसी विधायक अपने पार्षद एवं अध्यक्ष के लिए जी जान से लग कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

पहली बार ऐसा दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस एक जुट होकर चुनाव लड रहा है। वही भारतीय जनता पार्टी में थोड़ा सा स्थिरता दिखाई दे रहा है. कोई बड़े नेता का वार्ड में दौरा या रोड शो नहीं दिखाई दे रहा। हालांकि अभी वोटिंग के लिए हफ्ते भर का समय हैं.इस दौरान अगर भारतीय जनता पार्टी भी अपने बड़े नेताओं के साथ रोड शो या वार्ड में जनसंपर्क करें तो थोड़ा सा माहौल कुछ और हो सकता है.