संजय यादव
जांजगीर चांपा । जांजगीर नैला नगर पालिका में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के नाम पर करोडो रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है.मामले में शहरी विकास अभिकरण के प्रभारी ने जांच कर नगर पालिका के तात्कालीन सीएमओ , उप अभियंता और , लेखापाल अधिकारी एंव ठेकेदार को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब किया है और जवाब संतुष्टिपूर्ण नही होने पर रिकव्हरी और कानूनी कारवाई करने की चेतावनी दी है। वैसे तो जांजगीर चांपा जिला को वर्ष 2018 में ओडीएफ घोषित कर दिया गया है लेकिन ओडीएफ करने के लिए नगर पालिका के अधिकारियो ने बडा खेल कर दिया और शासन से स्वीकृत राशि से 2 करोड अधिक राशि का बिल पेश कर शासन की राशि का गबन कर लिया है।
मामले की शिकायत शहरी विकास अभिकरण से की गई ,जिस पर डिप्टी कलेक्टर के एस पैकरा ने जांच कर बडी गडबडी का खुलासा किया है. जांच में जांजगीर नैला नगर पालिका में 2 करोड का घोटाला सामने आया है. जांच अधिकारी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2015 से 2018 में शासन ने जांजगीर नैला नगर पालिका को 2442 शौचालय बनाने 3.76 करोड रुपए की राशि जारी किया था..जिस पर नगर पालिका के अधिकारी और ठेकेदार की मिली भगत से लक्ष्य से अधिक शौचालय का 2337 जिओ टेग कर दिया ,इतना ही नही नगर पालिका के अधिकारियो ने लक्ष्य से कम 19 सौ शौचालय बना कर 6 करोड रुपए अलग अलग मदो से निकाल लिए है.
इस मामले का खुलासा होने के बाद डूडा के प्रभारी डिप्टी कलेक्टर ने नगर पालिका के 4 सीएमओ लेखा अधिकारी उप अभियंता और 10 ठेकेदार को नोटिस जारी कर सप्ताह भर के अँदर जवाब तलब किया है. और इसे बडी गडबडी बताते हुए सभी संलिप्त लोगो से शासकीय राशि का रिकव्हरी के साथ कानूनी कारवाई करने की चेतावनी दी है। अब देखना होगा कि इन अधिकारीयों एवं ठेकेदारो पर कितनी जल्दी कार्यवाही होती है। इस मामले में नगर पालिका के सीएमओ ने शौचालय निर्माण में तात्कालिन अधिकारियो द्वारा की गई गडबडी को स्वीकार किया और उन्होने लक्ष्य से कम शौचालय बनाने के बाद किस तरह 6 करोड की राशि निकाली गई उसके जानकारी के लिए संबंधित अधिकार कर्मचारी से जानकारी ली जाएगी। केंद्र सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले मे शौच पर रोक लगाने के लिए नगरीय निकाय क्षेत्रो में करोडो रुपए जारी किए है लेकिन नगर पालिका के अधिकारी और ठेकेदार की मिली भगत से राशि का बंदर बांट हो गया और नगर की स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब देखना होगा कि इन अधिकारीयों व ठेकेदारो को सिर्फ नोटिस दिया जाता है या इन पर कार्यवाही भी होती है।