बलरामपुर.. (कृष्णमोहन कुमार)..जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड में मनरेगा से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले में सरगुजा कमिश्नर ने तत्कालीन प्रभारी सीईओ (डिप्टी कलेक्टर)..ज्योति बी बैरागी को निलंबित कर दिया था..और तत्कालीन मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे..जिसके बाद वाड्रफनगर जनपद पंचायत सीईओ वेदप्रकाश पांडे की रिपोर्ट पर वाड्रफनगर चौकी में फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया है..वही पुलिस अब पुलिस की टीम अश्विनी तिवारी की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है..
ये है मामला!..
दरअसल जिले के वाड्रफनगर जनपद पंचायत क्षेत्र में ग्राम चपोता, ग्राम तुंगवा, ग्राम पेंडारी,में वर्ष 2014-15 व 2015-16 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत डब्ल्यू बीएम सड़क,मिट्टी मुरम,पुल-पुलिया निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गए थे..जिसका भुगतान भी 38 लाख 58 हजार 518 रुपये कर दिया गया था..लेकिन रोजगार गारंटी योजना के इन कार्यो को लेकर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक को मामले की शिकायत की गई थी..तब तत्कालीन रामानुजगंज एसडीएम अजयकिशोर लकड़ा को उक्त शिकायत की जांच की जवाबदेही दी गई थी.और तत्कालीन एसडीएम ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर बलरामपुर को सौंप दी थी..जिसके बाद कलेक्टर बलरामपुर ने कमिश्नर कार्यालय को जांच प्रतिवेदन भेजी थी..और उस जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन वाड्रफनगर जनपद सीईओ एस के मरकाम,तत्कालीन प्रभारी सीईओ डिप्टी कलेक्टर ज्योति बी बैरागी व मनरेगा के तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी अश्विनी तिवारी को दोषी पाया गया था..
सरगुजा कमिश्नर ने इस मामले में 23 मार्च 2020 को जिला पंचायत सीईओ को पत्र जारी कर ..मामले में क्या कार्यवाही की गई के सम्बंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट अविलम्ब मंगवाई थी..और जिला पंचायत सीईओ ने अप्रैल माह के आखरी सप्ताह में कमिश्नर कार्यालय को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेज दी थी..
वही सरगुजा कमिश्नर ने तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन प्रभारी सीईओ रही..डिप्टी कलेक्टर ज्योति बी बैरागी को निलंबित करते हुए..तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा अश्विनी तिवारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे..और अब इस मामले में भारतीय दंड विधान संहिता की कई गम्भीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है..