नवजात बच्चे आपने कई देखें होंगे पर क्या आपने कोई ऐसा बच्चा देखा है जिसके पैदा होने के बाद में लोग उसको अवतारी मानने लगें, शायद आपने नहीं देखा होगा तो आज हम आपको एक ऐसे ही नवजात शिशु के बारे में बता रहें हैं जिसके पैदा होते ही लोग उसको अवतारी मानकर उसका पूजन आदि करने लगें हैं। आइये जानते हैं इस शिशु के बारे में।
कहां हुआ है इस बच्चे जन्म
इस शिशु का जन्म कानपुर के पास में हुआ है, यह एक बच्ची है। यदि आप कानपुर से करीब 30 किमी दूर जाते हैं तो आपको थाना शिवराजपुर के अंतर्गत आने वाला बलरामपुर गावं मिलता है। इस गांव में रहने वाले छोटेलाल की बेटी ने ही इस बच्ची को जन्म दिया है, जिसको लोग काली देवी का अवतार मान रहें हैं
क्यों मान रहें हैं इस बच्ची को लोग देवी का अवतार
असल में जब इस बच्ची जन्म हुआ था तो इसको देखने के बाद में लोग चकित हो गए थे क्योंकि इस बच्ची का नीचे का शरीर अन्य की तरह सामान्य था पर गर्दन के ऊपर का हिस्सा काले रंग का था। इसके अलावा इस बच्ची के मुंह और आंखों का आकार भी सामान्य से बड़ा था तथा उसकी जीभ बाहर की और निकली हुई थी इसलिए इस बच्ची को लोग मां का अवतार मान रहें हैं। बच्ची की मां कृष्णा के चाचा का कहना है कि “जैसे ही गांव के बड़े-बुजुर्गों को इस बात की जानकारी हुई तो सभी मौके पर पहुंचे। उनका मानना है कि बच्ची के रूप में ये मां काली का अवतार है। उन्होंने कहा कि नवजात को दफनाने से पहले इसकी पूजा-अर्चना करनी होगी। इसके बाद बच्ची को देखने और दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे। रातभर लोगों ने भजन-कीर्तन किया, जो अभी तक जारी है।”
जानकारी के लिए आपको यह बता दें कि यह बच्ची जन्म के करीब आधा घंटा तक जीवित रही और इसके बाद में इसने अपना दम तोड़ दिया। इस बच्ची के जन्म के बाद में इसकी अजीब सूरत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। जिसके कारण बहुत से लोग इसको देखने के लिए आने लगें और इस बच्ची को देवी का अवतार घोषित कर दिया। इसके बाद में इस बच्ची पर चढ़ावा भी चढ़ने लगा और अब तक करीब 10 हजार रूपए का चढ़ावा चढ़ चुका है। बच्ची की मां कृष्णा का कहना है कि “गांव में रिवाज है कि लड़की का पहला बच्चा मायके में होता है। इसीलिए वह दो महीने पहले ही मायके आ गई थी। ऐसे में उसके ससुरालवाले कह रहे हैं कि बच्ची को वे अपने गांव ले जाकर दफन करेंगे। वहीं, मायके पक्ष के लोग नवजात को नहीं ले जाने दे रहे है। इस वजह से अभी तक बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है।”