पड़ताल…हिसाब तो लेकर रहुंगा…!

@ संजय यादव/07 जुलाई 2020

हिसाब तो लेकर रहुंगा… !

जैजैपुर बसपा विधायक केशव चन्द्रा ने ग्राम पंचायतो मे जारी 14 वे वित्त की राशि का हिसाब जांजगीर चांपा जिला पंचायत से क्या मांगा, जिला पंचायत में हड़कंप मच गया है। संबंधित विभाग के अधिकारी,कर्मचारी सभी अलमारी में रखे पुरानी फाइलो को निकाल कर हिसाब बनाने मे लग गये है। विधायक भी पूरेे मुड़ मे है हिसाब लेकर ही चुप बैठेगें…उधर ग्राम पंचायत के सचिवो का मुसीबत बढ़ गया हैं अब अपनी गलती छिपाने के लिए विधायक महोदय का मुंह बंद कराने का जुगाड़ लगा रहे है…सभी ग्राम पंचायतो के सचिव से बड़ी राशि एकत्रित कर विधायक महोदय के दरबार मे पेस होने की चर्चा हो रही है..

आईएएस का मुसीबत ...

आईएएस जनक पाठक का मुसीबत कम होने का नाम नही ले रहा है। एक ओर जहां दुष्कर्म के आरोप मे फंसे हुए है वही दूसरी ओर मौजुदा सरकार के ही नेता जांजगीर चांपा कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष ने खनिज न्यास मद से प्रभारी मंत्री के स्वीकृत के बैगर 3 करोड़ से ज्यादा राशि का आंबटन करने का आरोप लगाया है। जो एक बड़े घोटले की ओर इसारा करता हैं जिलाध्यक्ष ने इसकी शिकायत लिखित में सुबे के मुखिया भुपेश बघेल से किया है अब दिखना होगा सरकार क्या कार्यवाही करती हैं। आईएएस जनक पाठक को सरकार ने पहले ही पद से हटा दिया हैं।

हाॅटल में लाखंों का जुआ...

लिंक रोड़ स्थित एक नामी हाॅटल मे लाखो को जुआ खुलेआम चलता रहा. इसकी सूचना पुलिस को दी गई बाउजुद पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही तो दूर मौके पर आकर देखा तक नही..यहां तक पुलिस के एक उच्च अधिकारी को भी सूचना दी गई लेकिन थोडी देर बात अधिकारी ने अपना मोबाइल ही स्वीच आॅफ कर दिया…इस प्रकार लाॅकडाउन में खाली पड़े हाॅटल व्यसायी सुनेपन का फायदा उठा कर जुआ का खेल कर अपनी कमाई का रास्ता निकाल रहे है। प्रत्येक गुरूवार को जब पूरा शहर लाॅकडाउन रहता हैं तो शहर के नामी व्यसायी इस हाॅटल मे जुटते है।

कमीशन की खबर से हड़बड़ाये साहब…..

जिला पंचायत इन दिनो खुब चर्चा में है. ग्राम पंचायतो में कमीशन लेकर ठेेकेदार को काम दिलवाने का मामला हो, या 14 वें वित्त राशि का अनिमितता का…जिला पंचायत के सीईओ साहब इन दिनो भारी टेंशन मे हैं. जिले के अखबारो में जब यह खबर छपी तो साहब हडबड़ा गये..तत्काल अखबार मे लगे खबर को गलत ठहरा दिया ..और समाचार लिखने वाले पत्रकारो पर ही सवाल खड़े करते हुए पत्रकारिता सिखने की सलाह देने लगे. लेकिन इस बात की जानकारी सबको है कि ग्राम पंचायतो मे सरकार के योजनाओ का काम कराने मे कितनी राशि खर्च होती है, और कितने का बिल पास होता है। और इन दिनो किस तरह अपने लोगो को काम देने के बदले कमीशन का खेल हो रहा है। यह बात किसी से नही छिपी है..सब जानते है सारे बड़े काम किसके इसारे सेे होता है। साहब चाहे लाख सफाई पेस कर ले…

कागजों पर विभाग की योजनाएं..

2 अक्टुबर 1975 से प्रारंभ महिला एवं बाल विभाग, महिलाओं एवं बच्चो के सर्वागीण विकास तथा उसके सवैधानिक हितों के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रांरभ किया गया है। जिले की बात करें तो विभाग में ज्यादातर योजना सिर्फ कागजों पर ही संचालित हो रहा है। राज्य सरकार की सुपोषण अभियान हो या केन्द्र सरकार की मातृ वंदना योजना… सभी योजनाओं का बन्ठाधार विभाग के लोग लगा रहे है। जिले मे संचालित योजनाओ का जमीनी हकीकत कुछ और ही है. बाउजुद जिले में विभाग के अधिकारीयो का जवाब नही, एसी कमरे में बैठे- बैठे पूरे जिले को संचालित कर रही है। जिले के दर्जनो स्व सहायता समूह बगैर नियम के संचालित हो रहे है. न ही समय में आडिट हो रहा है, और न ही विभाग के अधिकारी समय पर माॅनिटरिंग करते है..

कुर्सी को लेकर खीचातानीं…

रिक्त पदो से ज्यादा इन दिनो जांजगीर चांपा जिले मे पुलिस अधिकारीयो की पोस्ंिटग हो गई है। यहां दो एडिशनल एसपी तो आधा दर्जन डीएसपी रेंक के अधिकारी पदस्थ है, स्वीकृति पद से ज्यादा पदस्थ होने के कारण पुलिस महाकमा मे कुर्सी को लेकर खीचातानंी शुरू हो गई है। एस पी कार्यालय में बैंठने के लिए जगह तलासने पड़ रहे है। पुराने अधिकारी अपनी जगह देना नही चाहते तो वही नये अधिकारीयों को बैठनें के लिए अन्य शाखा मे जाकर समय गुजारना पड़ रहा है। मालदार जिला होने के कारण हर कोई जांजगीर चांपा जिले में अपना पोस्ंिटग कराने के लिए सेटिंग मे लगे होते है। मालदार होने के साथ-साथ का्रंइम रेटिंग में शांत जिला है।