राजनीतिक दल के कार्यालय पर आयकर विभाग का छापा, महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद



पटना. अवैध तरीके चंदा वसूली के मामले में आयकर विभाग ने देश के 111 छोटे रजिस्‍टर्ड राजनीतिक दलों के 160 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे हैं. इसमें पटना स्थित एक राजनीतिक दल का कार्यालय भी शामिल है. पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के मीठापुर इलाके में स्थित सुरेश दत्त मिश्रा के मकान में भारतीय जनक्रांति दल (डेमोक्रेटिक) का कार्यालय है. आयकर विभाग की टीम ने यहीं पर छापेमारी की है. यह मकान पार्टी के प्रमुख राकेश दत्त मिश्रा का है. इनके घर पर बुधवार दोपहर को रेड डाली गई थी जो देर शाम तक चली. छापेमारी के लिए गुजरात से आयकर विभाग के अधिकारियों की विशेष टीम आई थी.

भारतीय जनक्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के कार्यालय पर छापेमारी में बड़ी संख्या में कागजात मिले हैं और कुछ डायरियां भी बरामद की गई हैं. बताया जाता है कि इनमें राजनीतिक चंदे का हिसाब-किताब है. कहां से कितनी राशि मिली और इन्हें किस तरह से प्राप्त किया गया (यानी चेक कैश या अन्य माध्‍यम) जैसे विवरण हैं. जब्त दस्‍तावेजों की छानबीन के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस चंदे का कहां उपयोग किया गया. साथ ही इस बात का भी पता चल सकेगा कि पार्टी को अभी तक कितना चंदा मिला है.

कई राज्‍यों में एकसाथ छापे

जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग ने देश की राजधानी दिल्ली, उत्‍तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार समेत कुछ राज्यों में छापे मारे हैं. आईटी डिपार्टमेंट की टीम ने अलग अलग राजनीतिक दलों के ठिकानों पर एक साथ रेड डाली. इस दौरान सभी स्थानों पर तमाम कागजात और संबंधित पार्टियों के पासबुक समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. इनके माध्यम से चंदे के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी.

बताया जाता है कि आयकर विभाग को छोटे दलों द्वारा कई रसूखदार लोगों या घरानों से चंदा के रूप में ब्लैकमनी हासिल करने की सूचना मिली थी. चंदे की राशि का कुछ हिस्‍सा अपने पास रखकर बाकी की रकम संबंधित व्यक्ति या घरानों को लौटा दिया जाता है. इससे संबंधित व्यक्ति को आयकर में बड़ी राहत मिल जाती है. इसके अलावा कुछ बड़े या अन्य दलों के नाम पर छोटे दलों द्वारा चंदा उगाही करने की बात भी सामने आई है. इस राशि में भी कुछ प्रतिशत काटकर संबंधित दल को दे दिया जाता है. इनमें कई पार्टियां ऐसी भी हैं, जिनका कोई वजूद ही नहीं है. ये सिर्फ चंदा उगाही के लिए ही बनाई गई हैं. निर्वाचन आयोग से ऐसे 66 छोटे दलों ने चंदा देने वालों को टैक्स में छूट प्रदान करने के लिए उनके दलों को अधिकृत करने का अनुरोध किया था. मामले की जांच के दौरान पूरा रैकेट सामने आया है.