जांजगीर चांपा। चांपा नगर पालिका में इस बार फिर से बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मैदान पर हैं. बीजेपी से प्रदीप नामदेव इसलिए चर्चा में क्योंकि उनका स्वभाव सरल,सहज प्रत्याशी के रूप में है. जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. तो दूसरी और कांग्रेस पार्टी में राजेश अग्रवाल है. जिनकी चर्चा पैसे वाले प्रत्याशी के रूप में लिया जा रहा है. चुनाव में दोनों प्रत्याशी की तुलना की जाए तो दोनों की तुलना संपत्ति के मामले में राजेश अग्रवाल आगे दिख रहे हैं. जबकि प्रदीप नामदेव के पास राजेश की अपेक्षा कम संपत्ति है. संपत्ति की चर्चा इसलिए हो रहा है क्योंकि चुनाव लड़ने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण संसाधन पैसा ही है. आज के समय में जितना छोटा चुनाव उतना ही ज्यादा खर्चीला हो गया है।
अब दोनों प्रत्याशियों के बीच मतदाता को अपना फैसला करना बाकी है. देखना होगा की मतदाता सरल,सहज स्वभाव के प्रत्याशी को चुनता है या पैसे वाले प्रत्याशी को अपन मत देता हैं. जिसका फैसला 15 फरवरी को पता चल जाएगा. हालांकि दोनों अपने-अपने मुद्दों को लेकर मैदान में उतर गए है.मुकाबला घमासान है, जनता खामोश है।
हालांकि सबसे ज्यादा चर्चा प्रदीप नामदेव का ही हो रहा है,क्योंकि प्रदीप नामदेव का सरल,सहज स्वभाव को लेकर पूरे चांपा शहर में रचे बसे हैं .जिसके चलते मतदाता उन्हें पसंद कर रही है. लेकिन दूसरी ओर राजेश अग्रवाल के पास पार्टी संगठन के साथ नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक का आशीर्वाद है. राजेश अग्रवाल राजनीतिक चाणक्य के नाम से जाने जाते हैं. राजनीति अनुभव के साथ-साथ चुनावी प्रबंधन में माहिर है. इसलिए यह मुकाबला किसी एक और झुकता दिखाई नहीं दे रहा है. कड़े मुकाबले के साथ दोनों प्रत्याशी मैदान पर डटे हुए हैं.
घर घर जाकर जनसंपर्क में लगे हुए है.हालांकि चांपा शहर में बहुत सारे ऐसे मुद्दे हैं जिसको लेकर दोनों प्रत्याशी एक दूसरे को घेरने में लगे हुए है. अब देखना होगा कि किसका पलड़ा भारी होता है। पूर्व में भी दोनों प्रत्याशी नगर पालिका चांपा में अध्यक्ष रह चुके है अब मतदाता दोनों प्रत्याशियों के पूर्व कार्यकाल के कामों की तुलना भी करते नजर आ रही है. प्रदीप नामदेव अपने कार्यकाल के दौरान शहर में हुए कामों को गिना रहे हैं तो राजेश अग्रवाल अपने कामों को गिना रहे हैं .अब दोनों प्रत्याशी इसी मुद्दे को लेकर जनता तक पहुंच रही है. अब 11 फरवरी को मतदाता भी अपने फैसले पर मुहर लगाएगी।