- काम करवाने के लिए पहले अम्बिकापुर लाते थे मानव तस्कर
- दिल्ली मे 30 से 50 हजार रुपए मे बेचने का करते थे धंधा
- दिल्ली से बरामद की गई सरगुजा की 6 किशोरियां
अम्बिकापुर
सरगुजा से काम के बहाने दिल्ली ले जाकर बेची गई सभी 7 बालिकाओं को पुलिस ने बरामद कर लिया है। इस मामले में मानव तस्करी में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है। सभी बालिकाओं को सरगुजा के विभिन्न क्षेत्रों से अम्बिकापुर काम करने के बहाने से लाया गया था और बहला-फुसलाकर उन्हें दिल्ली ले जाकर प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से 35 हजार में बेच दिया गया था। पुलिस ने दिल्ली में स्थित प्लेसमेंट एजेंसी चला रहे पति-पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया है। मानव तस्करी में शामिल लोगों से पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के अनुसार 21 मार्च को थाना उदयपुर ग्राम सायर निवासी जुगलाल पैकरा ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसकी नाबालिग पुत्री को अम्बिकापुर में रहने वाली अनिता पावले नामक महिला द्वारा अम्बिकापुर में काम लगवाने के नाम पर बहला-फुसलाकर ले गई थी। मामले में उदयपुर थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी पुपलेश कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों को हालात से अवगत कराया था। पुलिस अधीक्षक आरएस नायक के निर्देश पर एडीशनल एसपी वेदव्रत सिरमौर, अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष ङ्क्षसह के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच के साथ संयुक्त रूप से टीम बनाकर लगातार संभावित स्थान पर दबिश दी गई। पुलिस ने मामले में सबसे पहले अनिता पावले को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उसके इस काम मेें कई अन्य लोग शामिल हैं। उनका गिरोह सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर के आसपास गांव की लड़कियों को काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली भेजा जाता था। इस मामले में गिरफ्तार महिला के पति भऋी रोड निवासी राजकुमार सोनी व उसकी दूसरी पत्नी चंदा राजवाड़े सहित मामेरी बहन जशपुर निवासी शनियारो सोनी सक्रिय थे। पिछले 10-12 वर्र्षों से राजकुमार सोनी की बहन शनियारो बाई दिल्ली में ही काम कर रही है। शनियारो का कथित पति शिवनाथ भी इस मामले में मुख्य भूमिका निभा रहा था। यहां से राजकुमार और उसकी दोनो पत्नी अनिता और चंदा नाबालिग बालिकाओं को शिवनाथ व शनियारो के माध्यम से दिल्ली स्थित आरडी इंटरप्राईजेस नामक प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक शानू गुप्ता व उसकी पत्नी रूपा गुप्ता को देते थे। प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये बालिकाओं को दिल्ली के घरों में काम करने के लिये 35 से 50 हजार में बेच दिया जाता था। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने कुछ दिन पहले ही अनिता, चंदा, राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी निशानदेही पर पुलिस टीम दिल्ली रवाना हुई थी। वहां से प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक पति-पत्नी व शनियारो को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली से सरगुजा से गायब सभी 7 बालिकाओं को बरामद कर लिया गया है। पुलिस के इस काम में दिल्ली में बालिकाओं को काम पर रखने वाले लोगों ने भी सहायता की। पूरे मामले में अभी भी फरार शनिवारो के कथित पति शिवनाथ की खोजबीन कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेने की मांग करेगी।
बंधक की तरह थी किशोरियां
दिल्ली में बेची गई किशोरियां जहां-जहां भी थी, न तो उनके पास कोई फोन था और न ही उनके पास उनकी कोई आईडी। किशोरियों ने यह भी खुलासा किया कि वे लोग अपने मर्जी से दिल्ली नहीं गई थी, उन्हें अम्बिकापुर में काम करने के लिये लाया गया था, परंतु बाद में बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाया गया। 35 हजार में एक-एक बालिकाओं के बेचे जाने के बाद गिरोह में शामिल सभी लोग अपना-अपना कमीशन ले लेते थे, परंतु किशोरियों के हाथ कुछ नहीं आया। बताया गया कि उन्हें 5 हजार रूपये मिलने की बात कही गई थी, परंतु एक माह पूरे होने पर वह रकम भी नहीं उन्हें नहीं मिल सकी।
गुम इंसान की होगी पड़ताल
इस बड़े मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने उदयपुर, लखनपुर सहित अन्य क्षेत्रों में गुम इंसान की गंभीरता से पड़ताल करने की बात कही है। यही नहीं आज प्रेसवार्ता ले रहे अनुविभागीय अधिकारी पुलिस आशुतोष सिंह ने लोगों से यह अपील की है कि जिस किसी के घर में कोई भी युवक-युवतियां काम कर रही हो, उनका बेरिफिकेशन संबंधित थाने में करायें, ताकि अगर वह गुमशुदा हो या किसी भी अपराध से जुड़े हो तो उसके बारे में खुलासा हो सके।