Janjgir-Champa: घोटाले की जांच में देरी, भाजयुमो ने शासन-प्रशासन और नोडल अधिकारी का फूंका पुतला

जांजगीर-चांपा। लाइवलीहुड प्रशिक्षण घोटाले की जांच में देरी को लेकर आक्रोशित भाजयुमो नगर मंडल जांजगीर-नैला के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए उन्होंने शासन-प्रशासन व नोडल अधिकारी विजय पाण्डेय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला दहन किया। इस बीच भाजयुमो नगर मंडल जांजगीर नैला अध्यक्ष दिनेश राठौर, सोनू यादव/ गोलू दुबे महामंत्री भाजयुमो,राहुल सेन, शिवचमन ठाकुर, चुन्नीलाल राठौर, अजित गढेवाल, प्रदीप राठौर, बादल बजाज, योगेश चौरसिया, कालू सेन, सोमा राठौर, मिन्टू कहरा, शैलेन्द्र किरन, अजय कौशिक, लल्लू यादव, लक्ष्मी सारथी, गजेंद्र कर्ष, शैल राठौर मौजूद रहे।

भाजयुमो नगर मंडल जांजगीर-नैला के महामंत्री सोनू यादव ने विरोध जताने के लिए खास कुर्ता पहना हुआ था। जिसमें मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण घोटाले से संबंधित खबरों का कतरन छपा था। इस तरह का अनोखा प्रदर्शन जिले में पहली बार देखने को मिला है। वहीं शासन-प्रशासन होश में आओ, गली-गली में शोर है विजय पाण्डेय चोर है नारे लगाए गए। जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। जिसके बाद शासन-प्रशासन व नोडल अधिकारी विजय पाण्डेय के पुतले को कालिख पोतकर चप्पलों से मारा गया। फिर पुतला दहन किया गया। इस बीच मौके पर पुलिस बल मौजूद रही जो खाली तमाशा देखते रही। कोई भी भाजयुमो को नहीं रोक पाया।

2 नवंबर को कलेक्टर से हुई शिकायत

स्व सहायता समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण देने के लिए डीएमएफ से 52 लाख की राशि लाइवलीहुड कॉलेज को स्वीकृत हुई थी लेकिन किसी भी स्व सहायता समूह की महिलाओं को कोई भी प्रशिक्षण नहीं मिला। नोडल अधिकारी विजय पाण्डेय द्वारा खाली कागजों में प्रशिक्षण करा दिया गया। उपस्थिती पंजी में दस्तखत भी फर्जी हुआ। जिसको स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लिखकर दिया है। मामले को लेकर 2 नवंबर 2022 को भाजयुमो नगर मंडल जांजगीर-नैला के कार्यकर्ताओ ने कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा से मिलकर दस्तावेजो के साथ शिकायत की थी। जिसपर जांच टीम गठित की गई।

सप्ताहभर में जांच की बात निकली झूठ

भाजयुमो ने बताया कि जांच में देरी को लेकर 18 नवंबर को जांच अधिकारी श्री वैध से मुलाकात किया गया था। जिसपर उन्होंने जांच में देरी की बात स्वीकार करते हुए सप्ताह भर के अंदर जांच की बात कही थी। लेकिन इसको 14 दिन बीत चुके है अब तक मामले की जांच नहीं हुई है। जांच अधिकारी की बात झूठ निकली है।

मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के लिए टूल्स समान की खरीदी निर्मल फाउंडेशन से की गई है। जिससे 34 लाख आठ हजार 6 सौ रूपए की समान खरीदी हुई है। इसके लिए तीन लाख 48 हजार 6 सौ रूपए की 10 कच्ची बिल बिना जीएसटी का अटैच किया गया है। जिससे शासन को लाखों के जीएसटी का नुकसान भी हुआ है।